आज भी देश की आबादी का एक बड़ा हिस्सा तंत्रमंत्र, झाड़फूंक के मकड़जाल में जकड़ा हुआ है. नतीजतन, आज भी देश तरक्की की दौड़ में काफी पिछड़ा हुआ है.

पाखंड के जाल में उलझी हुई जनता की इसी सोच का फायदा उठा कर देश के कई प्रकाशक अंधविश्वास फैलाने वाली किताबों के कारोबार में लगे हुए हैं. इन किताबों की कीमत भी उस की असली लागत से कई गुना ज्यादा होती है. इस के बावजूद इन किताबों को खरीदने वालों की तादाद करोड़ों में है.

अंधविश्वास फैलाने वाली इन किताबों से बाजार अटा पड़ा है. ‘इंद्रजाल के चमत्कार’, ‘वशीकरण मंत्र’, ‘महाइंद्रजाल’, ‘बंगाल का जादू’, ‘काली किताब’, ‘असम का काला जादू’ वगैरह नामों से बिकने वाली इन किताबों के चलते पोंगापथियों को बढ़ावा मिल रहा है क्योंकि इन किताबों में तंत्रमंत्र, झाड़फूंक, टोनाटोटका के नाम पर लोगों के मन में डर बैठाने व वहम पैदा कर ठगी करने के कई सारे तरीके बताए गए हैं, जिस के चलते देश में कई तरह के अपराध भी होते रहते हैं.

बेसिरपैर की बातें

एक शख्स ने बताया कि वह एक लड़की से बेइंतिहा एकतरफा प्यार करता है. उस ने कई बार उस लड़की को पटाने की कोशिश की लेकिन कामयाब नहीं हुआ. ऐसे में एक दिन उसे किसी ने बताया कि ‘महागुरु के टोटके’ नाम की एक किताब खरीद लो. उस में औरतों को वश में करने के कई सारे टोटके दिए गए हैं.

उस शख्स ने वह किताब खरीद ली और दिए गए कई उपायों में से एक उपाय, जिस में श्मशान की राख में अपना थूक व वीर्य मिला कर उस लड़की को खिलाने की बात की गई थी, अपनाया.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD79
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...