कुलदीप सिंह को गायब हुए पूरे 2 हफ्ते गुजर चुके थे. उस का फोन भी बंद बता रहा था. उस की पत्नी कमलजीत कौर से जब कोई उस के बारे में पूछता तो वह यही कह देती कि वह नौकरी के लिए नोएडा गया है. कुलदीप नौकरी के लिए गया है तो उस का फोन क्यों बंद है? यह बात उस की बहन सुखमिंदर की समझ में नहीं आ रही थी.

उस ने भाई को हर संभावित जगह पर तलाशा, पर उस का कुछ पता नहीं चला. जब वह हर जगह कोशिश कर के थक गई तो पति देविंदर सिंह को साथ ले कर थाना दोराहा पहुंच गई. यह 22 मई, 2017 की बात है.

सुखमिंदर ने थानप्रभारी अश्वनी कुमार को बताया कि 7 मई, 2017 को उस का भाई कुलदीप यह कह कर घर से गया था कि वह अपने दोस्त हरप्रीत के साथ नौकरी के लिए नोएडा जा रहा है. हरप्रीत तो लौट आया, पर कुलदीप का कुछ पता नहीं है. हरप्रीत का कहना है कि नौकरी की बात कर के कुलदीप उसे छोड़ कर न जाने कहां चला गया था. कुलदीप का फोन भी बंद है.

पुलिस ने सुखमिंदर की शिकायत पर कुलदीप की गुमशुदगी दर्ज कर के उस की तलाश शुरू कर दी.

पंजाब के जिला लुधियाना की तहसील दोराहा के गांव बिलासपुर के रहने वाले सज्जन सिंह के 2 बच्चे थे, बेटा कुलदीप सिंह और बेटी सुखमिंदर कौर. सीधेसादे और साधारण आर्थिक स्थिति वाले सज्जन सिंह बच्चों को अधिक पढ़ा नहीं पाए. बच्चे बड़े हुए तो उन्होंने दोनों की शादियां कर दी.

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