धर्मग्रंथों के आधार पर यह माना जाता है कि लंकापति रावण का जन्म गौतमबुद्ध नगर के बिसरख गांव में हुआ था. यहीं पर रावण ने शिव को प्रसन्न करने के लिए कठोर आराधना की थी. इस कहानी को सुना कर बिसरख गांव के लोगों को न तो दशहरे का त्यौहार मनाने दिया जाता है न ही रावण दहन करने दिया जाता है. रावण से जुड़ी इसी कपोल गाथा के कारण बिसरख के बारे में देश और दुनिया बहुत कुछ जानती है.

बिसरख इलाके में एक गांव हैबतपुर है. इसी गांव में शिवम (26) अपनी पत्नी माला (24) के साथ किराए के मकान में रहता था. माला ने जहां एमकौम की पढ़ाई की थी, वहीं शिवम ने एमबीए किया था. सन 2016 में शिवम और माला की जानपहचान फेसबुक के माध्यम से हुई थी.

बाद में दोनों की दोस्ती प्यार में बदल गई. दोनों एक ही बिरादरी के थे, लिहाजा नवंबर 2017 में दोनों ने परिजनों की सहमति से विवाह कर लिया. शादी के कुछ समय बाद शिवम ने नोएडा के एक मौल में सेल्स एग्जीक्यूटिव की नौकरी कर ली.

हालांकि शादी से पहले माला भी जौब करती थी लेकिन बाद में जब वह गर्भवती हुई तो उस ने नौकरी छोड़ दी थी. इन दिनों वह 5 माह के गर्भ से थी. ऐसे में उस ने घर से दूर जा कर नौकरी करनी जरूरी नहीं समझी. वह घर में ही बच्चों की कोचिंग के साथ पास के एक प्राइवेट स्कूल में टीचिंग जौब भी करने लगी थी.

अगर माला के पास समय बचता था तो वह क्रिश्चियन बागू कालोनी में रहने वाले अपने मातापिता के पास चली जाती थी.

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