धर्म के धंधेबाजों ने लोगों पर भूतप्रेत, आत्मा, बुरा साया आदि का अच्छाखासा भ्रम बिठा रखा है. ऐसे में दिग्भ्रमित लोग पाखंडी तांत्रिक और पीरफकीरों के बहकावे में आ कर झाड़फूंक के नाम पर ठगी के शिकार बनते हैं.
देश की ज्यादातर मजारों में भूतप्रेत के नाम पर झाड़फूंक का धंधा बढ़ता ही जा रहा है. मजारों पर एक खास दिन में झाड़फूंक के नाम पर खूब लूटखसोट होती है जिस में लोग अपनी बीमारी के इलाज के उपाय से ले कर नौकरी, व्यवसाय, गृहकलह आदि समस्याओं का उपाय वहां के पीरफकीरों की शरणों में ढूंढ़ते हैं. इस का पीरफकीर भरपूर फायदा उठाते हैं. इन जगहों पर आने वाले लोग आर्थिक शोषण के चलते कर्ज के बोझ तले दब भी जाते हैं.
हम अकसर मजारों पर ढोलमजीरे की आवाज पर महिलाओं को बाल खोल कर उछलतेकूदते ऊलजलूल बकते देखते हैं. पीरफकीरों द्वारा भूत छुड़ाने के नाम पर कभीकभी उछलनेकूदने वालों की पिटाई तक कर दी जाती है, लेकिन वे लोग समझते हैं कि इन पीरफकीरों द्वारा व्यक्ति पर हावी काले साए को पीटा जा रहा है. पीरफकीरों का कोई विरोध नहीं करता क्योंकि लोगों को डर होता है कि ऊपरी शक्ति कहीं विरोध करने वाले को नुकसान न पहुंचा बैठे.
झाड़फूंक के नाम पर लोगों को मूर्ख बनाने का धंधा कुछ इसी तरह उत्तर प्रदेश के बस्ती जिला मुख्यालय से 15 किलोमीटर दूर विकास खंड बहादुर के मधुआडाबर गांव में चल रहा है. वहां बृहस्पतिवार को झाड़फूंक कराने वालों की भारी भीड़ लगी रहती है.
एक बृहस्पतिवार को जब मैं उस मजार पर वहां की सचाई जानने के लिए पहुंचा तो देखा कि उस मजार के आसपास मेले जैसा माहौल है और वहां पर हजारों की भीड़ लगी हुई थी. वहीं, मजार की चारदीवारी के अंदर से ढोलमजीरों के साथसाथ चीखनेचिल्लाने की आवाजें भी आ रही थीं. मैं जब चारदीवारी के पास पहुंचा तो मुझे लोगों ने यह कह कर रोक दिया कि पहले यहां के पीरसाहब के पास अर्जी लगा कर आओ, उस के बाद ही तुम्हें अंदर घुसने दिया जाएगा. जब मैं ने यहां के पीर जान मोहम्मद शाह से मुलाकात की तो उस ने बताया कि यहां आए लोगों को भूतप्रेतों से छुटकारा पाने के लिए मुझे अर्जी लिख कर देनी होती है, जो मैं यहां के जिन्नात बाबा तक पहुंचाता हूं. उस ने बताया कि काले सायों से ग्रस्त लोग मजार के चारदीवारी के अंदर जाने के बाद अपनेआप तड़पने लगते हैं और उन के अंदर का भूत निकल कर बाहर चला जाता है.