अपने पसंदीदा रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 25 फरवरी को 41वें संस्करण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देशभर के उन छात्रों से रूबरू थे जिन्हें इस साल 10वीं और 12वीं कक्षाओं की बोर्ड की परीक्षाएं देनी थीं. इस कार्यक्रम में नरेंद्र मोदी ने बोर्ड परीक्षा से संबंधित कई सुझाव देते हुए छात्रों को यह कहते आश्वस्त भी किया था कि वे परीक्षा को ले कर किसी तरह की चिंता न करें, रातरातभर जाग कर उन्होंने जो पढ़ाई की है वह बेकार नहीं जाएगी.  नरेंद्र मोदी ने अपने युवा मित्रों को संबोधित करते यह भी कहा था कि वे परीक्षा का ज्यादा तनाव न पालें और इसे बोझ की तरह न लें.

कुछकुछ आदतन दार्शनिक अंदाज में उन्होंने कार्यक्रम के उत्तरार्ध में हलके लहजे में यह भी कहा था कि महात्मा बुद्ध कहा करते थे, ‘अत्यादीपो भव’ यानी आप अपने मार्गदर्शक बन जाइए. बहैसियत प्रधानमंत्री उन्हें संतोष होगा कि युवा दोस्तों के जीवन के महत्त्वपूर्ण पल पर वे उन के साथ थे और मन की बातें  उन के साथ गुनगुना रहे थे.

क्रंदन बनी गुनगुनाहट

उबाऊ प्रवचन की तरह के कार्यक्रम ‘मन की बात’ का यह एपिसोड थोड़ाबहुत पसंद किया गया था, क्योंकि यह बोर्ड के छात्रों की कड़ी परीक्षा से संबंधित था. लेकिन देश के शीर्ष पद पर बैठे नरेंद्र मोदी की बातें कितनी खोखली साबित हुईं, यह एक महीने बाद ही 25 मार्च को उजागर हो गया जब यह खबर आई कि केंद्र सरकार के अधीन सीबीएसई (सैंट्रल बोर्ड औफ सैकंडरी एजुकेशन) द्वारा आयोजित 10वीं की परीक्षा का गणित का और 12वीं की परीक्षा का अर्थशास्त्र का परचा दिल्ली में लीक हो गया है. अर्थशास्त्र का पेपर 26 मार्च को और गणित का 28 मार्च को हुआ था.

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