बदलती जीवनशैली और पुरुषों के कंधे से कंधा मिला कर चल रही आज की महिलाओं में पुरुषों की कई खराब आदतें भी तेजी से जगह बनाने लगी हैं. युवकों और युवतियों की कई आदतें और हरकतें एक जैसी होती जा रही हैं. यह बात युवकों और युवतियों में धूम्रपान की आदत पड़ने के सिलसिले में भी देखी जा सकती है.
जिस तरह धूम्रपान का चलन लड़कों में होता है यानी वह एकदूसरे की देखादेखी धूम्रपान शुरू करते हैं लगभग उसी तरह युवतियों में भी एकदूसरे का साथ देने के तौर पर यह आदत पड़ जाती है. लड़कों में धूम्रपान को जवां होने के प्रतीक के रूप में भी लिया जाता है तो लड़कियां इसे आधुनिकता के प्रतीक के तौर पर लेती हैं. उन में भी दूसरों की देखादेखी इस की शुरुआत हो जाती है.
जो महिलाएं तंबाकू का सेवन युवावस्था में ही कर लेती हैं उन में कई प्रकार के कैंसर होने के खतरे बढ़ जाते हैं. तंबाकू के धुएं में लगभग 2,500 रसायन होते हैं जो एक कार के एक्जौस्ट द्वारा छोड़े गए धुएं से कई गुना ज्यादा जहरीले होते हैं.
महिलाओं में होने वाले सभी कैंसरों में से 29 प्रतिशत का कारण धूम्रपान होता है. यही नहीं, गर्भाशय, ग्रीवा के कैंसर के मामलों में से 30 प्रतिशत में सिगरेट के धुएं में व्याप्त रसायनों का होना एक बड़ा कारण होता है. यही नहीं 55-65 वर्ष की महिलाओं में हृदयाघात एवं मस्तिष्काघात के मामलों में से 55 प्रतिशत में धूम्रपान एक बड़ा कारण होता है.
यदि कोई महिला 15 साल की उम्र के आसपास धूम्रपान शुरू कर देती है तो इस की वजह से शरीर में कैल्शियम की कमी होने लगती है. नतीजतन, 35-45 साल की उम्र में ही उस की हड्डियों के टूटने का खतरा पैदा हो जाता है.