पृथ्वी पर मौजूद प्राणियों में सब से खूबसूरत जीव पांडा है. यह एक दुर्लभ प्राणी है. शांत स्वभाव वाला पांडा एकांतप्रिय जीव है जो अधिकांश समय छिपा रहता है और ज्यादातर रात के समय ही बाहर निकलता है. इस का अपना एक क्षेत्र होता है. यह दूसरे क्षेत्र में अतिक्रमण कर लड़ाई मोल नहीं लेता. कुछ पांडा आकार में भारीभरकम होते हैं. ये 6 फुट लंबे तथा 250 किलोग्राम तक भारी होते हैं. पांडा को मीठा खाना बेहद पसंद है. चीन के वैज्ञानिकों ने पांडा के डीएनए की रिसर्च के बाद पता लगाया कि उस में आज भी मीठे स्वाद के रिसैप्टर जीन हैं. पांडा का मुख्य भोजन घास है.

विशेषज्ञों के अनुसार, पहाड़ों पर पाए जाने वाले पांडा भले ही शाकाहारी हों, लेकिन उन के पूर्वज मांसाहारी थे. वे खरगोश, चूहे, मछली जैसे जीवों को भी खाते थे. हां, जब से पांडा पहाड़ी इलाकों में रहने लगे तो वहां उन्हें केवल घास और जंगली पौधे खाने को मिलने लगे. पांडा का शरीर पहाडि़यों में रहने के अनुकूल होता है. मोटी ऊन की फर उन्हें न केवल बर्फीली ठंड से बचाती है बल्कि गरमी भी प्रदान करती है. यही नहीं सफेद और काली फर की वजह से उन्हें शत्रुओं से छिपने में आसानी रहती है. पांडा के पंजे में नोकदार उंगलियों के अलावा, एक हड्डी भी होती है जो अंगूठे का काम करती है. इस से उन की पकड़ मजबूत हो जाती है. उन के पैर सपाट होते हैं और वे आसानी से पेड़ या पहाड़ों पर चढ़ जाते हैं. यद्यपि इन का शरीर भारी होता है, लेकिन हड्डियां लचीली होती हैं.

दुनियाका सब से उम्रदराज पांडा है, ‘जियाजिया’. जहां पांडा की औसत आयु 20 साल है, वहीं जिया 37 साल की आयु में भी जीवित है. उस का नाम गिनीज बुक औफ वर्ल्ड रेकौर्ड्स में सब से उम्रदराज पांडा के रूप में दर्ज है. इस समय वह हौंगकौंग के ओशियन पार्क में है जहां पांडा कीपर्स उस की देखभाल करते हैं.

यह मादा पांडा भले ही बीमार या तकलीफ में हो, पर है बड़ी हंसमुख. यदि आप इस से मिलना चाहते हैं तो पहले इस के बारे में जानना जरूरी है. यहां के कर्मचारी 15 मिनट तक आप को उस के बारे में बताएंगे, फिर किचन में घुसने से पहले आप को स्टर्लाइज्ड कपड़े, दस्ताने और जूते पहनाएंगे. फिर आप पांडा ‘जियाजिया’ के किचन को देख सकेंगे, जहां उस के लिए विशेषतौर पर भोजन तैयार किया जाता है. उसे ताजी घास की पत्तियां पसंद हैं. इस के लिए काफी बड़ा फ्रीजर भी बनाया गया है. एनिमल ट्रेनर मैत्री के अनुसार, हम उसे नाश्ते में ताजे फल, सब्जियां और हाईफाइबर बिस्कुट भी देते हैं. वैसे उसे नाशपाती भी बहुत पसंद है. 78 किलोग्राम भारी जियाजिया प्रतिदिन लगभग 7 किलोग्राम भोजन करती है और 12 से 16 घंटे सोती है. जियाजिया को आर्थाराइटिक और हाई ब्लडप्रैशर की शिकायत है, इसलिए उस का मैडिकल चैकअप रोजाना होता है. एक समय ऐसा था जब वह बीपी मौनीटर लगाने में वेल्क्रो चिपकाने की आवाज से भी डर जाती थी, लेकिन धीरेधीरे उसे भरोसे में लिया गया, यही कारण है कि अब वह बीपी, ब्लड सैंपलिंग, ऐक्सरे और अल्ट्रासाउंड स्कैनिंग जैसी जांच भी आसानी से करवा लेती है.

जियाजिया अब तक 6 बच्चों को जन्म दे चुकी है. गौरतलब है कि चीनी सरकार ने अब से कोई 17 वर्ष पहले 1999 में इसे हौंगकौंग को भेंट किया था. थाईलैंड की राजधानी बैंकाक के एक शौपिंग मौल में कागज से बने 1,600 जौयंट पांडा काफी समय तक आकर्षण का केंद्र बने रहे. यहां बड़ी संख्या में लोग पांडा की तसवीर लेने मौल पहुंचे. गौरतलब है कि वर्ल्ड वाइल्डलाइफ केंद्र के पर्यावरण को बचाने के अभियान के तहत, कागज से बने पांडा मार्च से अप्रैल, 2016 में कुछ दिन के लिए प्रदर्शित किए गए थे. पांडा एक दुर्लभ प्राणी है और आज इस का अस्तित्व संकट में है. इस की प्रजनन क्षमता काफी कम होती है. मादा पांडा 2 साल में सिर्फ एक बार ही बच्चे को जन्म देती है. जंगलों में महज 1,864 पांडा ही बचे हैं. वर्ल्ड वाइल्डलाइफ फंड की कोशिशों के बावजूद पिछले 10 साल में इन की संख्या में मात्र 17 फीसदी बढ़ोतरी हुई है.

कई देशों में पांडा की घटती संख्या चिंता का विषय बनी हुई है. वहां इन के संरक्षण के प्रयास जारी हैं. चीन में तो बाकायदा चेंगडु रिसर्च बेस में एक झूलाघर खोला गया है जहां पांडा का बच्चों की तरह खयाल रखा जाता है. घोड़ागाड़ी पर बच्चों की तरह खेलते ये पांडा के छोटेछोटे बच्चे पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं.

नौटंकी में माहिर

मादा पांडा गर्भवती होने की नौटंकी करने में माहिर है. ताइवान में एक मादा पांडा ने सब को हैरान कर दिया. मनपसंद खाने और एसी कमरे में अकेले आराम करने के लिए उस ने प्रैग्नैंसी का नाटक किया. 90 महीने पहले युआन नाम की इस 11 वर्षीय पांडा को कृत्रिम रूप से मां बनाने की कोशिश की गई थी. उस के बाद पांडा ने गर्भवती होने के लक्षण दिखाने शुरू कर दिए. उस की भूख घट गई, उस ने चलनाफिरना कम कर दिया और उस का यूट्रस भी फूल गया. यह देखते हुए पांडा को सारी सुविधाओं से युक्त एसी कमरे में शिफ्ट कर दिया गया. यहां उस का दिनरात पूरा खयाल रखा गया. इस के एक महीने बाद जब चीन के विशेषज्ञ उस की जांच करने पहुंचे, तो सब के होश उड़ गए, क्योंकि वह गर्भवती थी ही नहीं, केवल गर्भवती होने का नाटक

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