वृद्धों की पार्टी और वह भी मस्ती पार्टी, यह भला कैसे संभव है? पार्टी तो सिर्फ बच्चों व युवाओं की होती है जिस में मौजमस्ती, धूमधड़ाका, लाउड म्यूजिक, नाचगाना, गेम्स आदि होते हैं. जिस तरह युवा व बच्चे मौजमस्ती करते हैं ठीक उसी तरह बुजुर्ग भी पार्टी कर एंजौय कर सकते हैं.

पार्टी का नाम आते ही क्यों बुजुर्ग मौजमस्ती करने और जिंदगी को फुलऔन जीने को अपना हक नहीं मानते? बुजुर्ग खुद पार्टी के नाम से दूर भागते हैं. उन का कहना होता है कि अब उन का शरीर साथ नहीं देता, अब उन की उम्र कहां है इन सब पार्टीवार्टी के लिए.

‘पार्टी करना तो युवाओं व बच्चों को शोभा देता है,’ उन की इस सोच के चलते कई परिवारों में युवा अपने बुजुर्गों को अपनी पार्टी में शामिल नहीं करते. लेकिन यह सोच बदलनी चाहिए. युवाओं व बच्चों की तरह बुजुर्ग भी खुशहाल व मस्तीभरी जिंदगी जिएं. पार्टी का उम्र से कुछ लेनादेना नहीं. बुजुर्गों को भी दैनिक जीवन की बोरियत से बचने के लिए बदलाव चाहिए, हंसीखुशी मस्ती के पल चाहिए जो उन के जीवन जीने की इच्छा को और बलवती कर सकें.

समय की मांग है कि युवा व बुजुर्ग मिल कर पार्टी करें. दादापोता बडी कल्चर का हिस्सा बन कर मस्ती करें. बुजुर्ग जब अपने से कम उम्र के युवाओं व बच्चों के साथ रहते हैं, उन के साथ अपना समय बिताते हैं तो वे खुद को यंग फील करते हैं, अपने बचपन व युवावस्था की बातों को याद करते हैं. उन में जोश का संचार पैदा होता है जो उन की सेहत के लिए अच्छा होता है.

माइंड होता है रिफ्रैश

60 वर्षीय नीरा कुमार, जो स्वतंत्र लेखिका होने के साथ कुकरी ऐक्सपर्ट भी हैं, कहती हैं, ‘‘पिछली क्रिसमस को मैं ने अपने जानकार युवा लेखकों के लिए अपने घर पर एक पार्टी अरेंज की थी जिस में सब की पसंद का खाना बनवाया, गेम्स खेले. सब को बहुत मजा आया. जब युवा मेरे बने खाने की तारीफ करते हैं तो मुझे अच्छा लगता है. मैं उन्हें कुकरी टिप्स देती हूं और वे मुझे आज की लेटैस्ट तकनीकों की जानकारी देते हैं. इन पार्टीज का उद्देश्य रुटीन लाइफ में रोमांच भरना होता है. इसी बहाने 2 पीढि़यां एकदूसरे को समझ पाती हैं व विचारों का आदानप्रदान होता है.’’

फिल्मी पार्टी

‘क्लब 60’ संजय त्रिपाठी निर्देशित फिल्म है जिस में 5 लोगों का गैंग है. गैंग के सदस्यों की जिंदगी 60 की उम्र में ही शुरू होती दिखाई गई है. फिल्म में रघुवीर यादव युवाओं की तरह बालों को कलर किए, कलरफुल टीशर्ट में, फ्रैंचकट बीयर्ड, गुच्ची के ग्लेयर्स और आईपौड के साथ दिखाई देते हैं यानी वे फैशन के मामले में युवाओं को भी पीछे छोड़ देते हैं. ठीक इसी तरह ‘बागबान’ फिल्म में अमिताभ बच्चन वैलेंटाइन डे पर ‘चली चली फिर चली चली’ गीत पर युवा दोस्तों के साथ थिरकते दिखाई देते हैं.

जीवन में उत्साह व उमंग

दक्षिणी दिल्ली में मुनीरका स्थित वरिष्ठ नागरिकों की एक मंडली है. इस संस्था के अध्यक्ष जे आर गुप्ता ने बताया कि उन की इस सीनियर सिटीजन काउंसिल में 500 से अधिक सदस्य हैं जिन में 60 वर्ष से ले कर 98 वर्ष तक के बुजुर्ग शामिल हैं. ये संस्था हर त्योहार के मौके पर पार्टी का आयोजन करती है, फिर चाहे न्यू ईयर हो या होली, दीवाली. पार्टी में खूब मौजमस्ती, चुटकुले, कविताएं, शेरोशायरी व खेलों का आयोजन किया जाता है.

19 साल पहले स्थापित यह संस्था किटी पार्टी, पिकनिक के अलावा समयसमय पर शहर से बाहर घूमनेफिरने का आयोजन भी करती है. जे आर गुप्ता कहते हैं कि ऐसी पार्टियां जीवन के एकाकीपन को दूर कर के जीवन में उत्साह व उमंग के नए रंग भरती हैं.

पार्टी में जमाए रंग

अगर आप भी ऐसी किसी पार्टी की शान बनना चाहते हैं तो खुद को हमेशा ऐक्टिव रखें. प्रोफैशनल जिंदगी से भले ही रिटायर हो जाएं पर व्यक्तिगत जिंदगी में नईनई चीजें जानने व सीखने से कभी अवकाश न लें. कला, साहित्य, संगीत, कुकिंग, पेंटिंग जिस भी विषय में आप की रुचि हो उस में नया सीखते रहें और नई पीढ़ी को सिखाते रहें. अमेरिका में 60 वर्ष के बुजुर्ग युवाओं की तरह फुटबाल खेलते हैं, पब में जाते हैं. शारीरिक रूप से सक्रिय होने के साथसाथ वे खुद को मानसिक रूप से भी ऐक्टिव रखते हैं. वे अपनी जिंदगी को पूरी तरह एंजौय करते हैं. पार्टी में रंग जमाने के लिए आप बोर्ड गेम्स खेलें, युवाओं के साथ दिमागी खेल शतरंज खेलें. उन स्थलों पर जाएं जहां आप अपने व्यस्त प्रोफैशनल शैड्यूल में नहीं जा पाए, युवाओं को अपने साथ ले जाएं, इस से आप को मदद तो मिलेगी ही आप के भीतर नए विचारों का आगमन भी होगा. युवाओं के साथ रह कर आधुनिक गैजेट्स की नईनई तकनीकी जानकारी लीजिए. ऐसा करने से आप स्वस्थ रहने के साथसाथ तकनीकी रूप से भी अपडेट रहेंगे.

मस्तीभरी पार्टी के फायदे

ओल्डऐज में अकसर लोग बढ़ती उम्र की दुहाई दे कर खुद को सीमित दायरे में बांध जीवन की सक्रियता से नाता तोड़ लेते हैं. लेकिन ये मस्तीभरी पार्टियां मन में जोश व उमंग भरती रहती हैं. वहीं, हर दिन को एक खास इवैंट बनाने से जिंदगी में खुशियों की बहार आती है. ऐसे में ओल्डऐज की अवस्था को जीवन का अंतिम व स्ट्रैसभरा पड़ाव समझ कर मायूस क्यों रहा जाए, क्यों न इस में मस्ती के रंग भरे जाएं.

इन पार्टियों के बहाने आप को सजनेसंवरने का मौका मिलता है, आप को घर के वार्डरोब में रखे मनपसंद परिधानों को पहनने का मौका मिलता है. ये पार्टियां बोरिंग जिंदगी में दुखदर्द को भुला कर अपनों के साथ ठहाके लगाने का पुरानी यादों को याद करने का, अवसर देती हैं.

तो फिर तैयार हैं न आप पार्टी के लिए. अपनी पार्टी में आप युवाओं को भी शामिल कीजिए. उन की पसंद का भोजन चाहें तो और्डर करें. अपने लिए शुगरफ्री, औयलफ्री भोजन बनवाएं. मजेदार गेम्स खेलें, संगीत सुनें. हंसीमजाक करें. कुछ दूसरों की सुनें कुछ अपनी कहें और बना दीजिए अपनी पार्टी को बुजुर्गों की रौकिंग पार्टी.

और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...