जिंदगी में प्यार के फूल खिले हों और रिश्तों में मिठास तथा विश्वास हो तो हर पल खुदबखुद खूबसूरत हो जाता है. वे लोग खुशनसीब होते हैं, जिन्हें सच्चा प्यार मिलता है. सच्चा प्यार मिलने से ही कैनेडी मैरी का भी हर पल अब खुशियों भरा था. मैरी की गुलाबी आंखों, गुलाब की पंखुडि़यों की मानिंद नाजुक होंठों और आकर्षक गुलाबी चेहरे पर गजब की चमक थी. क्योंकि उसे सारे जहां की खुशियां जो मिल गई थीं.
कमरे में बैठी मैरी कल्पनाओं के जरिए खुशियों के महल सजा रही थी. गबरू जवान पृथ्वी उस की जिंदगी की जरूरत बन गया था. पृथ्वी उस के वजूद का वह हिस्सा था, जिसे अब वह कभी खोना नहीं चाहती थी. पृथ्वी कमरे में दाखिल हुआ तो धड़कते दिल से उस के हर कदम की आहट मैरी महसूस कर रही थी. उस के सामने बैठ कर वह कुछ पलों के लिए उसे बेयकीन निगाहों से देखता रहा तो मैरी के होंठों पर थिरकन हुई, ‘‘इस तरह क्या देख रहे हैं?’’
‘‘सोच रहा हूं कि किस्मत किसी पर इतना मेहरबान कैसे हो सकती है कि तुम जैसी खूबसूरत लड़की मुझे मिल गई.’’ पृथ्वी की इन बातों पर मुसकराते हुए मैरी ने कहा, ‘‘यह तो मैं भी नहीं जानती, लेकिन जिस तरह जिंदा रहने के लिए सांसें जरूरी हैं, अब उसी तरह तुम मेरे लिए हो गए हो. मैं ने कभी सोचा भी नहीं था कि मेरा हमसफर इतनी दूर आ कर मिलेगा. एक बात और...’’
‘‘क्या?’’ पृथ्वी ने पूछा.
‘‘मैं ने सिर्फ तुम्हारे लिए अपना सब कुछ छोड़ा है. यहां तुम्हारे सिवा मेरा कोई नहीं है. उम्मीद करती हूं, तुम न कभी मेरा विश्वास तोड़ोगे और न साथ छोड़ोगे.’’ मैरी ने पृथ्वी की आंखों में आंखें डाल कर कहा तो उस ने उस के हाथ को अपने हाथ में ले कर विश्वास दिलाने वाले अंदाज में कहा, ‘‘मैरी, तुम भी मेरी सांसों की जरूरत बन चुकी हो, इसलिए इस तरह की बात सोचना भी मत.’’