Freedom vs Control : टीनएजर को अक्सर अपने पेरेंट्स से यह शिकायत होती है कि वे जबरदस्ती अपने डिसिजन उन पर थोप रहे हैं या उन की ख्वाहिशें पूरी नही हो रहीं. ऐसे में ये बात समझ लें कि जो अपना पैसा खर्च रहा है उस की बात तो आप को सुननी ही पड़ेगी. जब आप कमाने लगें तब अपनी धौंस दिखा सकते हैं.

 

अरे यार, सपना कल पापा ने मुझे बाइक दिलाने से मना कर दिया. उन का कहना है अभी बजट नहीं है. लेकिन अभी मम्मी को दिवाली पर गोल्ड का सेट ले कर दिया तब उन का बजट था. वह हमेशा ही मेरी हर बात के लिए मना कर देते हैं. इस पर सपना ने कहा वरुण तुम सही कह रहे हो मेरे मम्मीपापा भी यही करते हैं तुम्हें पता ही है पिछले महीने उन्होंने मुझे कालेज टूर पर भी नहीं जाने दिया. इस का रीजन सुन कर तुम्हें हंसी आएगी. उन का कहना था तुम्हारे मार्क्स इस बार अच्छे नहीं आए इसलिए तुम इस बार कालेज टूर पर नहीं जा सकती. यार ये अच्छी दादागिरी है हमारे पेरेंट्स की. हम चाहें न चाहें लेकिन वे हर बात में अपनी मनमर्जी करते हैं.

उन की बातें सुन रहा आकाश बोला,  तुम सही कह रहे हो हर बात में चलाते अपनी हैं और फिर भी हर वक्त यही रोना रोते हैं कि हम ने तुम्हारे लिए ये किया वो किया. इतने सैक्रिफाइस किए हैं. कभी अपने बारे में नहीं सोचा.... बला..... बला .... और भी न जाने क्याक्या सुनाते हैं वह हमें.

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