देश में डाक्टरी, इंजीनियरिंग व मैनेजमैंट की धमक के बावजूद कम्बाइंड ग्रैजुएट लैवल ऐग्जाम (सीजीएल) के आकर्षण का आलम यह है कि इस में हर साल छात्रों की भारी भीड़ उमड़ती है. इस परीक्षा के जरिए असिस्टैंट इंस्पैक्टर, डिवीजनल अकाउंटैंट और कंपाइलर आदि पदों पर नियुक्ति की जाती है. सामान्यत: मार्च के अंत या अप्रैल के शुरुआती दिनों में इस का नोटिफिकेशन जारी किया जाता है. इस के बाद तैयारियों व परीक्षा का दौर शुरू हो जाता है. इस में आवेदन प्रक्रिया औनलाइन होती है. रजिस्ट्रेशन 2 चरणों में होता है.

स्नातक के बाद मिलता है अवसर

सीजीएल परीक्षा में वही अभ्यर्थी बैठ सकते हैं जिन्होंने किसी मान्यताप्राप्त विश्वविद्यालय या महाविद्यालय से स्नातक किया हो. अर्थशास्त्र, सांख्यिकी या गणित विषय के साथ स्नातक करने वाले छात्रों को प्रमुखता दी जाती है. इस में आयु सीमा का भी प्रावधान है. अभ्यर्थी की आयु 18 से 30 वर्ष के बीच होनी चाहिए. उम्मीदवारों को सलाह दी जाती है कि वे पदवार योग्यता और उम्र सीमा जांच लें.

सावधानीपूर्वक करें रजिस्ट्रेशन

इस में आवेदन प्रक्रिया औनलाइन होने के कारण अभ्यर्थियों को रजिस्ट्रेशन में सावधानी बरतनी होगी. सब से पहले उन्हें अपना फोटो, हस्ताक्षर व अन्य जरूरी प्रमाणपत्र स्कैन करने होंगे. यह ध्यान रखें कि इस स्कैन फाइल का साइज कम ही रहे. साथ ही उन्हें आवेदन करते समय इस बात का भी ध्यान रखना होगा कि कोई गलत विवरण न दिया जाए अन्यथा एक बार सबमिट हो जाने के बाद उसे ठीक करना संभव नहीं होगा.

4 चरणों पर दारोमदार

यह परीक्षा 4 चरणों में संपन्न होती है. अभ्यर्थी को पहले चरण में सफल होने के बाद दूसरे चरण में बैठने की अनुमति मिलती है. इस में परीक्षा कंप्यूटर बेस्ड टैस्ट (सीबीटी) के रूप में होती है. सीजीएल की लिखित परीक्षा 200 अंकों की होती है तथा इस के 4 चरण होते हैं. प्रत्येक सैक्शन में 25-25 प्रश्न (कुल 100 प्रश्न) पूछे जाते हैं तथा इन के लिए सवा घंटे का समय निर्धारित रहता है. प्रश्न औब्जैक्टिव टाइप के होते हैं तथा इन का माध्यम हिंदी व अंगरेजी होता है.

ये हैं 4 सैक्शन :

–  जनरल इंटैलीजैंस व रीजनिंग.

–  जनरल अवेयरनैस.

–  क्वांटिटेटिव ऐप्टिट्यूड.

–  इंगलिश लैंग्वेज व कौंप्रीहैंशन.

प्रजैंस औफ माइंड जरूरी

सीजीएल में जनरल इंटैलीजैंस ऐंड रीजनिंग के सैक्शन में प्रश्न वर्बल व नौन वर्बल टाइप के होते हैं. इस के अलावा ज्यादातर प्रश्न एनोलौगीज, सिमिलरीज, डिफरैंसेज, प्रौब्लम सौल्विंग, एनालिसिस कौंसैप्ट, औब्जर्वेशन, अर्थमैटिक रीजनिंग, कोडिंग व डीकोडिंग तथा नौन वर्बल सीरीज पर आते हैं. इन प्रश्नों का उत्तर आप तभी दे पाएंगे जब आप का प्रैजैंस औफ माइंड मजबूत होगा अन्यथा प्रश्नों को ले कर उलझते रहेंगे.

डायरी पर नोट करते जाएं

सामान्य जागरूकता के अंतर्गत उम्मीदवारों से आसपास के वातावरण तथा समाज के संदर्भ में जागरूकता संबंधी परीक्षण, प्रतिदिन घटित होने वाली प्रमुख घटनाओं, करैंट अफेयर्स, भारत और पड़ोसियों से संबंध के अलावा इतिहास, भूगोल, कला संस्कृति, आर्थिक परिदृश्य आदि पर आधारित प्रश्न पूछे जाते हैं. जो कुछ महत्त्वपूर्ण लगे उसे एक जगह नोट करते जाएं.

अंगरेजी पर मजबूत पकड़ बनाएं

इंगलिश कौंप्रीहैंशन के सैक्शन में उम्मीदवारों से अंगरेजी भाषा की पकड़ जानने की कोशिश की जाती है. साथ ही लिखनेपढ़ने की योग्यता के अलावा व्याकरण, निबंध लेखन, अनुच्छेद लेखन से जुड़े प्रश्न आते हैं.

मैथ्स के फौर्मूले आएंगे काम

क्वांटिटेटिव ऐप्टिट्यूड में गणित के प्रश्न पूछे जाते हैं. ये मुख्य रूप से 10वीं व 12वीं स्तर के होते हैं. यह पूरी तरह से फौर्मूलों पर आधारित होते हैं. इस के लिए नियमित रूप से मैथ्स के फौर्मूले के साथ उन के सवालों की प्रैक्टिस करनी जरूरी होती है. ये सवाल मुख्य रूप से नंबर सिस्टम, दो नंबरों के बीच में संबंध, लाभहानि, प्रतिशतता, टेबल व ग्राफ का अनुप्रयोग, मैंशुरेशन, समयदूरी तथा औसत दूरी के होते हैं.

नैगेटिव मार्किंग का प्रावधान

इस परीक्षा में गलत उत्तर दिए जाने पर नैगेटिव मार्किंग का भी प्रावधान है. एक गलत उत्तर देने पर 0.50 अंक काट लिए जाते हैं. इसलिए उम्मीदवार सावधानीपूर्वक प्रश्नों का उत्तर लिखें. जिन प्रश्नों को ले कर संदेह की स्थिति है, उन्हें छोड़ कर आगे बढ़ जाएं. बाद में समय मिलने पर इन्हें एक बार जरूर देख लें.

मानसिक क्षमता मजबूत रखें

इस परीक्षा में छात्रों की भारी भीड़ उमड़ती है. सफलता उन्हीं को मिलती है जिन की तैयारी उच्च स्तर की होती है. ऐसे में उम्मीदवार अपनी तैयारी एक खास रणनीति के सहारे आगे बढ़ाएं. हो सकता है कि तैयारी के दबाव के चलते उन के मनमस्तिष्क पर तनाव हावी हो जाए. ऐसे में उन्हें तनाव दूर भगाने के लिए योग, व्यायाम अथवा टहलने की आदत डालनी चाहिए.                          

पहले सलेबस समझें, फिर शुरू करें तैयारी

सीजीएल परीक्षा में बैठने वाले अभ्यर्थियों को अपनी तैयारी शुरू करने से पहले सलैबस को भलीभांति समझना जरूरी होता है, क्योंकि यह काफी विस्तृत होता है. उस के बाद सलैबस को समय के हिसाब से बांट लेना चाहिए. इस में यह ध्यान देना होता है कि 2 कठिन विषयों के बीच में एक आसान विषय पढ़ने से बोरियत नहीं होने पाएगी. जहां कठिनाई लगे वहां किसी ऐक्सपर्ट की मदद लें या ग्रुप स्टडी के सहारे इसे दूर करने की कोशिश करें. जिस विषय में खुद को कमजोर समझ रहे हों उस पर अपेक्षाकृत समय बढ़ा लें. उम्मीदवार यह ध्यान रखें कि अंतिम दिनों में कोई नया टौपिक न ले कर सिर्फ रिवीजन पर जोर देना होगा, क्योंकि अंतिम दिनों में यदि कोई नया टौपिक ले कर उलझेंगे तो रिवीजन नहीं हो पाएगा. अंतिम 10 दिन सिर्फ मौक टैस्ट के लिए आरक्षित रखें.    

     सत्येंद्र कुमार, डायरैक्टर तारा इंस्टिट्यूट, नई दिल्ली  

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