12 वीं की परीक्षा कैरियर के लिए एक निर्णायक आधार होती है, क्योंकि इस के बाद ही छात्र कैरियर की राह पर अग्रसर होते हैं. प्राय: 12वीं की परीक्षा देने के बाद छात्रों के सामने आगे की पढ़ाई और कैरियर के चुनाव को ले कर बड़ी उलझन रहती है.

कैरियर का चुनाव छात्रों की पसंद, योग्यता और रुचि के साथसाथ बदलती रोजगार की संभावनाओं पर निर्भर करता है. 12वीं में आप ने जिस क्षेत्र की पढ़ाई की है उस के अनुसार आप की कैरियर संभावनाएं निम्न हैं :

कौमर्स स्ट्रीम में कैरियर औप्शंस

कौमर्स का क्षेत्र रोजगार की विशाल संभावनाओं से भरा पड़ा है. 12वीं के बाद बीकौम की डिग्री का औप्शन उज्ज्वल भविष्य का सपना साकार करता है तो एमकौम की डिग्री से सक्सैस की और अधिक ऊंचाई हासिल की जा सकती है.

एमकौम के बाद यदि पीएचडी कर ली जाए तो कालेज और यूनिवर्सिटीज में टीचिंग कैरियर के अतिरिक्त विभिन्न इंस्टिट्यूट्स में रिसर्च स्कौलर्स के रूप में भी रोजगार के अवसर उपलब्ध होते हैं. साथ ही राष्ट्रीयकृत बैंकों में भी जौब की काफी संभावनाएं हैं.

चार्टर्ड अकाउंटैंट का क्षेत्र कौमर्स उम्मीदवारों के लिए विशेष प्रतिष्ठा का क्षेत्र माना जाता है, जिस का क्रेज समय के साथ कभी फीका नहीं पड़ा है. चार्टर्ड अकाउंटैंसी के कोर्स को 10+2 या फिर ग्रैजुएशन के बाद किया जा सकता है और दोनों ही स्थितियों में यह कोर्स 10 महीने का होता है.

चार्टर्ड फाइनैंशियल एनालिस्ट का पद भी कौमर्स स्टूडैंट्स के लिए काफी पौपुलर औप्शन है. एक चार्टर्ड फाइनैंशियल एनालिस्ट की मुख्य जिम्मेदारियों के रूप में फाइनैंशियल अकाउंटिंग, सिक्योरिटी इवैल्यूएशन, प्रोजैक्ट प्लानिंग, मैनेजमैंट अकाउंटिंग, इन्वैस्टमैंट अकाउंटिंग, वेंचर कैपिटल मैनेजमैंट और क्रैडिट रेटिंग का मैनेजमैंट करना होता है. कौमर्स के छात्रों के लिए कंपनी सेक्रैटरी की जौब भी कम आकर्षक नहीं है.

साइंस स्ट्रीम में कैरियर की संभावनाएं

साइंस स्ट्रीम परंपरागत रूप से प्रतिभाशाली छात्रों का क्षेत्र माना जाता है, क्योंकि मैथमैटिक्स, फिजिक्स, कैमिस्ट्री, बायोलौजी और अन्य ऐडवांस्ड साइंस की शाखाओं में हार्ड और रैगुलर पढ़ाई की आवश्यकता होती है.

इस के अतिरिक्त साइंस का क्षेत्र काफी विस्तृत है. कंप्यूटर साइंस से ले कर फिजिक्स, कैमिस्ट्री, बायोलौजी, बायोटैक्नोलौजी, इंजीनियरिंग, मैडिकल, एस्ट्रोनौमी, एविएशन आदि में कैरियर की संभावनाएं बनती हैं.

10+2 के बाद साइंस के किसी मुख्य विषय के साथ बीएससी की डिग्री प्राप्त करने के लिए हायर ऐजुकेशन शुरू की जा सकती है. साथ ही सामान्य रूप में फिजिक्स, कैमिस्ट्री, बायोलौजी, जियोलौजी, कंप्यूटर साइंस इत्यादि के चुनाव के साथ बीएससी की पढ़ाई जनरल औप्शन है.

इन सभी मास्टर डिग्रियों के लिए आगे पढ़ाई जारी रखी जा सकती है. फिर अपने सब्जैक्ट्स में पीएचडी की डिग्री के साथ कालेज और यूनिवर्सिटीज में टीचिंग की संभावना रहती है.

परंपरागत रूप से इंजीनियरिंग और मैडिकल का क्षेत्र भी साइंस स्टूडैंट्स के लिए सदाबहार है. मैडिकल में एमबीबीएस की डिग्री से ले कर बीडीएस, बीफार्मा, डीफार्मा और नर्सिंग के कोर्स में जौब की भरपूर संभावनाएं हैं. एमबीबीएस का कोर्स ह्यूमन एनाटोमी का होता है, जो प्राय: साढ़े 5 साल का होता है जिस में एक वर्ष का इंटर्नशिप का कोर्स भी शामिल होता है जो एक तरह से मैडिकल के क्षेत्र का अपरैंटिसशिप जैसा ही होता है.

इसी क्षेत्र में मास्टर डिग्री प्राप्त कर मैडिकल कालेज और हौस्पिटल में टीचिंग जौब पाई जा सकती है.

मैडिकल के क्षेत्र में स्पैशलाइजेशन के बाद गायनेकोलौजी (स्त्री रोग विज्ञान), डर्मेटोलौजी (स्किन प्रौब्लम स्पैशलाइजेशन), अनेस्थोलौजी (संवेदनाहरण विज्ञान), ओप्थोमोलौजी (नेत्र रोग विज्ञान), आर्थोपेडिक्स (हड्डी विज्ञान), पेडियाट्रिक्स ( शिशु रोग विज्ञान), सर्जरी, आब्सटेट्रिक्स (प्रसूति रोग विज्ञान), कार्डियोलौजी, न्यूरोसाइंस और कई महत्त्वपूर्ण क्षेत्र अवेलेबल हैं.

बीडीएस का कोर्स डैंटल सर्जरी के लिए होता है जोकि इंटर्नशिप के साथ 5 वर्ष का है.

वेटरेनरी साइंस के रूप में भी साइंस के छात्र कैरियर तलाश सकते हैं, क्योंकि एनिमल डिजीजेज और सर्जरी का क्षेत्र भी कम आकर्षक नहीं है.

बायोटैक्नोलौजी का क्षेत्र काफी नया है और ढेर सारी संभावनाओं से भरा है.

कैरियर के रूप में इंजीनियरिंग में जौब प्रोस्पैक्टस की काफी संभावनाएं रहती हैं. इंजीनियरिंग में प्रवेश के लिए फिजिक्स, कैमिस्ट्री और मैथमैटिक्स के साथ 10+2 पास किया होना चाहिए. इंजीनियरिंग में प्रवेश के लिए आईआईटी देश भर के छात्रों के लिए सब से प्रीमियर और फेवरिट इंस्टिट्यूट माना जाता है.

आर्ट्स में कैरियर

आर्ट्स में 10+2 पास करने के बाद किसी मेजर सब्जैक्ट के साथ बीए की डिग्री एक अच्छे कैरियर की शुरुआत मानी जाती है. लैंग्वेज और लिटरेचर, रिलिजन, फिलौसफी, इकोनौमिक्स, सोशियोलौजी, साइकोलौजी, ऐंथ्रोपोलौजी, हिस्ट्री, जियोग्राफी ऐसे कई अन्य विषयों के साथ ग्रैजुएशन की डिग्री प्राप्त की जा सकती है. इस के साथ ही इन विषयों में पोस्टग्रैजुएशन की डिग्री कैरियर के कैनवास को और विस्तृत बना देती है.

यदि इन सब्जैक्ट्स के साथ पीएचडी की डिग्री हासिल की जाए तो कैरियर में आगे बढ़ने के लिए एक लौंचिंग प्लेटफौर्म मिल जाता है. यूजीसी द्वारा नैट की परीक्षा क्लियर करने के साथ कालेज और यूनिवर्सिटी में टीचिंग फैकल्टी में कैरियर बनाया जा सकता है.

आर्ट्स से पोस्टग्रैजुएशन करने के बाद बीएड कर यानी पोस्ट ग्रैजुएट टीचर के रूप में भी कैरियर की शुरुआत की जा सकती है.

साइकोलौजी से पोस्टग्रैजुएट करने वालों के लिए काउंसलर की जौब आज की तनाव भरी जिंदगी के लिए अनिवार्यता के रूप में उभर कर आई है. इकोनौमिक्स ग्रैजुएट और पोस्टग्रैजुएट छात्रों के लिए बैंकों में कई प्रकार के जौब्स हैं. इकोनौमिक्स और स्टेटिस्टिक्स में ग्रैजुएट्स के लिए इंडियन इकोनौमिक सर्विसेज और इंडियन स्टैटिस्टिकल सर्विसेज में जौब्स की अपार संभावनाएं हैं.

मार्केटिंग में इकोनौमिक्स स्टूडैंट्स की डिमांड बड़ी तेजी से बढ़ रही है. इनफौर्मेशन टैक्नोलौजी का तेजी से विकास हो रहा है, साथ ही आर्ट्स बैकग्राउंड वाले छात्र मीडिया, जर्नलिज्म, कानून इत्यादि क्षेत्रों में भी कैरियर बना सकते हैं.

नौन ट्रेडिशनल कैरियर औप्शंस

इन परंपरागत कैरियर औप्शंस के अतिरिक्त 12वीं के बाद कई अन्य क्षेत्रों में भी कैरियर बनाया जा सकता है :

रिज्यूमे राइटिंग बिजनैस : नौकरी की तलाश करते लोगों को हमेशा एक प्रोफैशनल रिज्यूमे की जरूरत होती है. रिज्यूमे राइटिंग बिजनैस के माध्यम से क्लाइंट्स से औनलाइन पेमैंट प्राप्त कर उन को रिज्यूमे ड्राफ्ट औनलाइन पोस्ट किया जा सकता है. आवश्यक सुधार के साथ फिर उस रिज्यूमे को क्लाइंट को मेल कर सकते हैं. रिज्यूमे राइटिंग की क्वालिटी पर आप की फीस की क्वांटिटी भी निर्भर करती है.

वैब डिजाइनिंग बिजनैस : इनफौर्मेशन टैक्नोलौजी के तेजी से प्रसार के साथ वैबसाइट के निर्माण के बिजनैस का भी बड़ी तेजी से प्रसार होता जा रहा है और इस टास्क में टैक्निकल ऐक्सपर्ट, क्रिएटिव आर्ट ऐक्सपर्ट के अतिरिक्त सब्जैक्ट ऐक्सपर्ट्स के लिए भारी मात्रा में जौब्स की संभावनाएं उपलब्ध हैं.

ऐजुकेशन इंस्टिट्यूट तथा कोचिंग संस्थानों के साथसाथ सभी बिजनैसमेन अपनी वैबसाइट बनवाते हैं तथा उस के माध्यम से अपने प्रोडक्ट्स और सर्विसेज की सूचना अपने क्लाइंट्स को देते हैं और इस की एवज में आप एक अच्छीखासी मासिक आय अर्जित कर सकते हैं.

फ्रीलांस राइटिंग : यदि आप की लेखन में रुचि है व आप को लिखने की कला आती है तो आप को एक अच्छा राइटर बनने से कोई रोक नहीं सकता. आप प्रकाशित होने वाले सभी समाचारपत्रों तथा मैगजींस का इंटरनैट पर अध्ययन करें. पत्रपत्रिकाओं में लेख लिख कर अच्छी आय अर्जित कर सकते हैं.

कंटेंट राइटिंग : इसे वैबसाइट या वैब कंटेंट राइटर भी कहते हैं. कंटैंट राइटर वैबसाइट पर विषयवस्तु लिखता है और उस से संबंधित सूचनाएं प्रदान करता है. यदि आप एक अच्छे लेखक हैं और भाषा पर आप की कमांड है तो आप कंटैंट राइटर के रूप में एक लुकरेटीव प्रोफैशन की शुरुआत कर सकते हैं.

ईबुक मार्केटिंग इंटरनैट बिजनैस : आज डिजिटल युग में ईबुक के बिजनैस का बड़ा बोलबाला है. आज प्रिंट में बुक्स पढ़ने के बजाय सभी लैपटौप पर या टैबलेट्स पर किसी फेवरिट बुक को पढ़ना चाहते हैं इस कारण ईबुक्स की फैसिलिटी उपलब्ध कराना और उस की मार्केटिंग करना एक अच्छा बिजनैस साबित हो सकता है.

आप अपनी वैबसाइट्स पर ईबुक से रिलेटेड सूचनाओं को सेल कर सकते हैं, प्रमोट कर सकते हैं और ईबुक को बेच सकते हैं.

ब्लौग राइटिंग : ब्लौग शब्द वैबलौग का संक्षिप्त रूप है. यह वर्ल्ड वाइड वैब पर एक सूचना के आदानप्रदान की वह साइट है जिस पर संदेश पोस्ट किए जाते हैं. ब्लौग लेखन व्यक्तिगत रूप से डायरी लेखन जैसा ही होता है, जिस में कोई ब्लौगर अपनी दिनचर्या लिख कर पोस्ट करता है, जो दुनिया के लाखों लोगों के बीच पहुंच जाता है. आप किसी भी क्षेत्र की जानकारी इस में दे सकते हैं.

आधुनिक युग में ब्लौगिंग की लोकप्रियता को ध्यान में रखते हुए यह माना जाता है कि ब्लौग लिखना एक कला है, एक प्रोफैशनल आर्ट है तथा सब से बढ़ कर एक व्यावसायिक स्किल है, जिस के लिए पूर्व में गहन तैयारी की जरूरत होती है.         

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