सूचना तकनीक के रूप में कंप्यूटर, मोबाइल और इंटरनैट के बढ़ते प्रयोग के फलस्वरूप हाल के वर्षों में साइबर क्राइम का दायरा भी बड़ी तेजी से बढ़ता जा रहा है. किसी यूजर के कंप्यूटर से इंटरनैट की मदद से उस के पर्सनल डाटा की चोरी से ले कर इंटेलैक्चुअल प्रौपर्टी के कौपीराइट का गैरकानूनी प्रयोग, चाइल्ड पोर्नोग्राफी, बुलिंग, वित्तीय धोखाधड़ी से ले कर कई अन्य अपराध भी साइबर क्राइम के अंतर्गत आते हैं.
वर्तमान में इस प्रकार की वित्तीय धोखाधड़ी की वारदातों के अतिरिक्त बड़े कौर्पोरेट और्गेनाइजेशंस से ले कर गवर्नमैंट डिपार्टमैंट्स के महत्त्वपूर्ण डाटा और इनफौर्मेशन के लीक होने और हैक कर लिए जाने की खबरें अकसर मीडिया में छाई रहती हैं.
लिहाजा, डाटा की प्राइवेसी की मैंटेनैंस और फिशिंग की अन्य घटनाओं पर नियंत्रण करने के लिए एथिकल हैकिंग का कौन्सैप्ट अब बड़े कैरियर औप्शन के रूप में विकसित हो चुका है.
इस सच से इनकार नहीं किया जा सकता है कि 1990 के आर्थिक सुधार के बाद जिस तरह से ग्लोब्लाइजेशन का विकास हुआ है और दुनिया सिमट कर एक ग्लोबल विलेज के रूप में तबदील हो गई है, उस में इंटरनैट की तेजी से विकास के साथ बिजनैस और कौर्पोरेट और्गेनाइजेशंस से ले कर बैंकिंग मैनेजमैंट, शौपिंग और कम्युनिकेशन की दुनिया में औनलाइन डीलिंग्स में आश्चर्यजनक वृद्धि हुई है. इसी के साथ औनलाइन धोखाधड़ी के मामलों में भी काफी वृद्धि हुई है.
इंटरनैट के मौडर्न युग में महत्त्वपूर्ण डाटा और इनफौर्मेशन की सिक्योरिटी एक बड़ी प्रौब्लम और चैलेंज के रूप में उभर कर आई है. औनलाइन जिस के ट्रांजैक्शन की प्राइवेसी और सैंसिटिव डाटा की चोरी पर नियंत्रण के लिए एथिकल हैकर का रोल काफी अहम हो गया है. हाल की एक रिपोर्ट के अनुसार 2016 तक देश के विभिन्न डिपार्टमैंट्स में 5 लाख से अधिक साइबर सिक्योरिटी प्रोफैशनल्स की आवश्यकता होगी.
क्या करता है एथिकल हैकर
हैकिंग को कानूनी रूप से एक अपराध माना गया है लेकिन यह दंडनीय अपराध भी है. जब कोई हैकर अपनी और्गेनाइजेशन के लिए किसी कौंट्रैक्ट और सहमति के अंतर्गत डाटा और इनफौर्मेशन की सिक्योरिटी के लिए हैकिंग करता है तो उसे एथिकल हैकर कहा जाता है. एथिकल हैकर को ‘वाइट हैट हैकर’ भी कहते हैं, क्योंकि वह किसी भी सिस्टम और डाटा की प्राइवेसी में कानूनी रूप से नैतिकता के आधार पर प्रवेश करता है. इन्हें पेनेट्रेशन टैस्टिंग ऐक्सपर्ट के नाम से भी जाना जाता है. एक एथिकल हैकर जिस और्गेनाइजेशन के लिए काम करता है वह उस के डाटा, कौन्फिडैंशिएल डौक्यूमैंट्स और अन्य प्रकार की प्राइवेसी के लिए उस के सिस्टम और सर्वर का कास्टोडियन होता है और वह निरंतर इन की जांच करता रहता है.
इस के अतिरिक्त कई अन्य तकनीकी समस्याओं और सिस्टम की कमियों को दूर कर के वह अपने क्लाइंट्स को सिक्योरिटी और प्राइवेसी प्रोवाइड करता है. कुल मिला कर एक एथिकल हैकर किसी प्रोफैशनल हैकर को हैक करने का नैतिक और कानूनी कार्य करता है.
एथिकल हैकर बनने के लिए किन स्किल्स की जरूरत होती है
एथिकल हैकर की जिम्मेदारी काफी संवेदनशील होती है. उसे बड़ी कठिन और संकट की परिस्थितियों में काम करने की आवश्यकता होती है. यही कारण है कि एथिकल हैकिंग में कैरियर बनाने के लिए इच्छुक कैंडिडेट में साहस, धैर्य और संकट सहन करने की क्षमता होनी चाहिए.
इस के अतिरिक्त कैंडिडेट में क्रिएटिविटी, प्रौब्लमसौल्विंग, एनालिटिकल एबिलिटी और क्विक डिसिजनमेकिंग जैसे गुणों का होना भी आवश्यक है. साथ ही तार्किक क्षमता से भरपूर और अच्छी सोच वाले कैंडिडेट इस प्रकार के सैंसिटिव कार्यों के लिए अधिक योग्य और उपयुक्त समझे जाते हैं.
एक एथिकल हैकर को अपना असाइनमैंट पूरा करने के लिए विदेश भी जाना पड़ता है. लिहाजा, उसे विदेश ट्रैवलिंग के लिए भी शारीरिक और मनोवैज्ञानिक रूप से तैयार रहना चाहिए. एथिकल हैकर की चाह रखने वाले प्रौस्पैक्टिव कैंडिडेट को कंप्यूटर, नैटवर्किंग और प्रोग्रामिंग का भी गहरा ज्ञान होना जरूरी है.
जौब प्रौस्पैक्ट्स
ग्लोबल भारत आज डिजिटल संस्करण की क्रांति के दौर से गुजर रहा है. रोजमर्रा की चीजों से ले कर बिजनैस की सारी गतिविधियां डिजिटल एडिशन की तरफ बढ़ती जा रही हैं. यही कारण है कि एक समय एथिकल हैकर की डिमांड केवल आईटी कंपनियां ही करती थीं, लेकिन आज इस की डिमांड औनलाइन डीलिंग करने वाली सभी संस्थाओं और व्यक्तियों द्वारा की जा रही है. ऐसी स्थिति में भविष्य में एथिकल हैकर की डिमांड में वृद्धि की काफी संभावनाएं हैं.
कोर्स
एथिकल हैकिंग में कैरियर बनाने के लिए 2 ही मुख्य कोर्स हैं :
1. सर्टिफिकेट कोर्स इन एथिकल हैकिंग.
2. पीजी डिप्लोमा इन इनफौर्मेशन सिक्योरिटी ऐंड सिस्टम ऐडमिनिस्ट्रेशन.
कोर्स और रिक्वायर्ड क्वालिफिकेशन
हैकर का मुख्य कार्य कंप्यूटर, नैटवर्किंग और प्रोग्रामिंग की नौलेज पर आधारित होता है. यही कारण है कि एथिकल हैकिंग में कैरियर बनाने की चाह रखने वाले उम्मीदवार का कंप्यूटर साइंस या आईटी में कोर्स करना बहुत जरूरी है, क्योंकि बड़ीबड़ी कंपनियों द्वारा अपने डाटा की प्राइवेसी और फिशिंग जैसे फ्रौड की घटनाओं से बचने के लिए कंप्यूटर साइंस या इनफौर्मेशन टैक्नोलौजी में डिग्री होल्डर्स का रिक्रूटमैंट किया जाता है.
कभीकभी ये कंपनियां अपने एथिकल हैकर की योग्यता और कुशलता से संतुष्ट नहीं होतीं और फिर उसे अपनी जरूरतों के मुताबिक ट्रेंड करती हैं. मौलिक रूप से कोई कैंडिडेट जो एथिकल हैकर के रूप में अपना कैरियर बनाने का इच्छुक है तो उसे कंप्यूटर साइंस में बीएससी और आईटी में बीटैक करना जरूरी है. इस के अतिरिक्त इस क्षेत्र में कैरियर बनाने के लिए उत्सुक उम्मीदवार को बीसीए या एमसीए की डिग्री प्राप्त करने की आवश्यकता होती है. कंप्यूटर साइंस और आईटी में इन बेसिक डिग्री के अतिरिक्त एथिकल हैकिंग में डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्स करने पर भी काफी सहायता मिलती है. इस तरह के प्रोफैशनल कोर्स कैंडिडेट को रिक्रूटमैंट कंपनियां प्रैफर करती हैं और अच्छा सैलरी पैकेज भी देती हैं. एथिकल हैकिंग में डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्स औफलाइन और औनलाइन दोनों तरह से किया जा सकता है.
सामान्य रूप से एथिकल हैकिंग में कैरियर बनाने के लिए कैंडिडेट को कंप्यूटर नैटवर्किंग की नौलेज और प्रोग्रामिंग की अच्छी जानकारी होनी चाहिए. जावा या C++ अथवा किसी एक ऐप्लिकेशन में कैंडिडेट का ऐक्सपर्ट होना जरूरी है. इन स्किल्स में बिना मास्टरी के एथिकल हैकर की सफलता की राह आसान नहीं होती.
सैलरी पैकेज
किसी और्गेनाइजेशन के लिए काम करने वाले एथिकल हैकर की शुरुआती सैलरी 20 से 30 हजार रुपए मासिक होती है, लेकिन एथिकल हैकिंग का सैगमैंट जौब प्रोस्पैक्ट्स की दृष्टि से काफी नया और संभावनाओं से भरा है. इसीलिए ऐक्सपीरियंस और स्किल प्राप्त करने के साथ एथिकल हैकर का पारिश्रमिक बहुत तेजी से बढ़ता है.
वैसे इस क्षेत्र में सैलरी पैकेज क्लाइंट्स के टर्नओवर पर भी निर्भर करता है. बड़ीबड़ी मल्टीनैशनल कंपनियों में काम कर रहे एथिकल हैकर्स को आकर्षक पैकेज और पर्क्स प्राप्त होते हैं. यूरोपीय देशों में एथिकल हैकर 50 लाख रुपए तक की वार्षिक सैलरी प्राप्त कर सकता है. कुल मिला कर एथिकल हैकिंग के सैगमैंट में सैलरी पैकेज एथिकल हैकर की व्यक्तिगत स्किल्स और ऐक्सपीरियंस के साथसाथ उस के ऐंप्लौयर के लाभ और प्रसिद्धि पर भी निर्भर करती है.
ऐंप्लौयमैंट्स कहां उपलब्ध हैं
वैसे तो एथिकल हैकर का कौन्सैप्ट काफी नया है, लेकिन साइबर क्राइम के बढ़ते ग्राफ के कारण एथिकल हैकर की डिमांड भी काफी बढ़ गई है. बड़ी मल्टीनैशनल कंपनियां अपने सिस्टम में सैंसिटिव डाटा की प्राइवेसी मैंटेन करने और उन्हें हैकिंग से बचाने के लिए एथिकल हैकर रिक्रूट करती हैं. डिफैंस डिपार्टमैंट में जहां देश की सिक्योरिटी संबंधी अति संवेदनशील और महत्त्वपूर्ण डाटा मैंटेन किया जाता है, उस डाटा की प्राइवेसी और सिक्योरिटी के लिए सरकार एथिकल हैकर रिक्रूट करती है.
इस के अतिरिक्त सरकार के अन्य महत्त्वपूर्ण डिपार्टमैंट्स जैसे सीबीआई, इसरो, फोरैंसिक लैबोरेटरी, आईटी फर्म, फाइनैंशियल कंपनी, बैंक, एयरलाइंस, रिसर्च ऐंड डैवलपमैंट, होटल्स, रियल्टी और अन्य कई क्षेत्रों में डाटा की प्राइवेसी के लिए एथिकल हैकर की डिमांड रहती है.
प्रमुख इंस्टिट्यूट्स
एथिकल हैकिंग के कोर्स के लिए प्रमुख संस्थान हैं :
1. स्कूल औफ वोकेशनल ऐजुकेशन ऐंड ट्रेनिंग, इंदिरा गांधी नैशनल ओपन यूनिवर्सिटी (इग्नू).
2. नैशनल इंस्टिट्यूट औफ इलैक्ट्रौनिक ऐंड इन्फौर्मेशन टैक्नोलौजी.
3. आईआईआई टी, इलाहाबाद.
4. एसआरएम यूनिवर्सिटी, तमिलनाडु.
5. इंडिया स्कूल औफ हैकिंग, कोलकाता.
6. प्रेस्टीन इन्फोसौल्यूशन कैरियर डैवलपमैंट ऐंड ट्रेनिंग सैंटर, पुणे.
7. आईएमटी गाजियाबाद.