हमारे समाज में कुछ मर्द औरतों जैसे दिखते हैं. यहां तक कि वे अपनी खूबसूरती से बहुत सी औरतों को भी मात देते हैं. उन्हें अकसर ट्रांसजैंडर, लेडी बौय या टीगर्ल के नाम से पुकारा जाता है. ‘लेडी बौय’ ऐसे लड़के होते हैं, जो सैक्स बदलवा कर अपने बदन को एक खूबसूरत लड़की के रूप में ढलवा लेते हैं. इस की वजह यह है कि ऐसे लड़के जो लड़की बनना चाहते हैं, उन्हें हमारे समाज में अधूरा समझा जाता है. उन्हें नामर्द कह कर दुत्कारा जाता है. किसी भी ‘लेडी बौय’ की खूबसूरती, कामुकता और चंचलता के पीछे भी आधुनिक चिकित्सा का कमाल है. हार्मोन चिकित्सा उन में सैक्स बदलाव ही नहीं लाती, बल्कि भावनात्मक बदलाव भी लाती है. यही वजह है कि कई ‘लेडी बौय’ औरतों की तुलना में ज्यादा कमसिन होते हैं. कभीकभी तो ये आम औरतों को भी मात देते दिखते हैं.

कुछ ‘लेडी बौय’ तो मौडलिंग की दुनिया में बतौर नाम कमा रहे हैं. इन में कनाडा के ‘लेडी बौय’ जेना तालकोवा व फिलिपींस के गीना रोसेरा खास हैं. जब कोई जवान लड़का खुद को एक लड़की के रूप में महसूस करने लगता है, तो क्या होता है? यह एक गंभीर सवाल है और यही एहसास उसे ‘लेडी बौय’ बनने पर मजबूर कर देता है, क्योंकि उस का चालचलन व बरताव उस के मूल सैक्स से मेल नहीं खाता. असल में यह गलती कुदरत से होती है और भुगतनी पड़ती है एक बेकुसूर इनसान को. इस कुदरती गलती से छुटकारा पाने के लिए अकसर ट्रांसजैंडर अपने सैक्स को बदलवाना चाहते हैं और यही जरूरत उन्हें ‘लेडी बौय’ बना देती है.

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