भारत में ज्यादातर महिलाएं धन से जुड़े मामलों को पुरुषों जैसे अपने पति, भाई, पिता आदि पर छोड़ देती हैं. इन में पढ़ीलिखी महिलाएं भी शामिल होती हैं, जो अच्छे पदों पर भी आसीन हैं. पुरुषप्रधान समाज और वित्तीय साक्षरता में कमजोरी इस के प्रमुख कारण हैं.
अब समय आ गया है कि महिलाएं निवेश से जुड़े फैसले स्वयं लेना सीखें. एक महिला के अपने ये निजी वित्तीय लक्ष्य होते हैं, जिन्हें पूरा करने के लिए उसे निवेश करना चाहिए:
- शादी और एक खुशहाल शादीशुदा जीवन के लिए
- बच्चों को जीवन में बेहतर शुरुआत देने के लिए
- अपने बुजुर्ग मातापिता की सेवा के लिए
- अपने स्वास्थ्य और बेहतर कल के लिए
इंडियामनी डौट कौम के सीईओ व संस्थापक, सीएस सुधीर सही निवेश विकल्प बता रहे हैं:
अविवाहित युवा महिलाओं के लिए, यदि आप की शादी नहीं हुई है और आप फुलटाइम जौब करती हैं, तो आप के पास निवेश में पूरा जोखिम लेने की आजादी है. याद रखें इस उम्र में लिया गया निवेश निर्णय भविष्य में आप के निवेश की बैकबोन साबित हो सकता है.
शादी के लिए निवेश एक अल्पकालिक लक्ष्य है और आप को एफडी, पोस्ट औफिस की योजनाओं और लिक्विड म्यूचुअल फंड जैसे निवेश अपनाने चाहिए.
ऐसे वित्तीय लक्ष्यों जिन्हें 5 वर्ष से ज्यादा समय में प्राप्त करना है जैसे कि घर खरीदना तो इस के लिए आप इक्विटी म्यूचुअल फंड एवं शेयरों में निवेश कर सकती हैं. लंबे समय के लिए (5 साल या अधिक) इक्विटी में निवेश करना सुरक्षित है और इस में अच्छा रिटर्न मिलने की भी संभावना होती है.
कामकाजी शादीशुदा महिलाओं के लिए: एक शादीशुदा कामकाजी महिला के दो काम होते हैं- घर संभालना और नौकरी करना.
आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें
डिजिटल

सरिता सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं
- सरिता मैगजीन का सारा कंटेंट
- देश विदेश के राजनैतिक मुद्दे
- 7000 से ज्यादा कहानियां
- समाजिक समस्याओं पर चोट करते लेख
डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

सरिता सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं
- सरिता मैगजीन का सारा कंटेंट
- देश विदेश के राजनैतिक मुद्दे
- 7000 से ज्यादा कहानियां
- समाजिक समस्याओं पर चोट करते लेख
- 24 प्रिंट मैगजीन