साल के अंतिम दिन हरियाणा के रोहतक शहर के सैक्टर-14 में एक घर में काम करने वाली नौकरानी ने 10 लाख रुपए और 65 लाख रुपए के जेवर चुरा लिए. इस चोरी को अंजाम देने से पहले उस ने घर के मालिक और उन की पत्नी को दूध में बेहोश होने की दवा दी. दंपती बेहोश हो गए. इस के बाद वह आसानी से सारा सामान ले कर भाग गई.
घर पर झाड़ूपोछा करने वाली यह नेपाली महिला कल्पना इस परिवार के साथ ही रहती थी. महिला को दिल्ली की एक कंपनी से 10 दिन पहले ही एजेंट द्वारा काम पर रखा गया था. दम्पति के बेटे बहू घर में मौजूद नहीं थे. 28 दिसंबर की रात 8:30 बजे मौका देख कर कल्पना ने खाने के बाद वृद्ध दंपति को दूध पिलाया. इस में एक नशीला पदार्थ था. दोनों दूध पीकर बेहोश हो गए. तब कल्पना ने जेवर और कैश पर हाथ साफ़ किया और रफूचक्कर हो गई.
इसी तरह टीवी अभिनेत्री नेहा पेंडसे को भी अपने घर से छह लाख रुपए के गहने चोरी होने का पता चला. पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज करते हुए अभिनेत्री के नौकर को गिरफ्तार किया है. यह चोरी बांद्रा पश्चिम में अरेटो बिल्डिंग की 23वीं मंजिल पर उन के फ्लैट में हुई.
28 दिसंबर को नेहा के पति शार्दुल ने पाया कि 4 साल पहले शादी के उपहार के रूप में मिला एक सोने का कंगन और हीरे से जड़ी अंगूठी गायब थी. शार्दुल आमतौर पर इस आभूषण को बाहर पहनते थे. उस दिन घर लौटने पर उन्होंने इसे घर के नौकर सुमित कुमार को सौंप दिया जिस ने इसे बेडरूम की अलमारी में रख दिया.
सुमित अन्य घरेलू नौकरों के साथ परिसर में रहता है. घटना के दिन शार्दुल बाहर जाने की तैयारी कर रहे थे तभी उन्हें अलमारी से गहने गायब होने का पता चला. घर के सभी नौकरों से पूछताछ करने पर भी किसी को गायब सामान के बारे में कोई जानकारी नहीं थी. उस समय नौकर सुमित घर पर नहीं था और जब सुमित से संपर्क किया गया तो उस ने कोलाबा में अपनी मौसी के घर पर होने का दावा किया. शक के आधार पर पुलिस ने नौकर सुमित को गिरफ्तार कर लिया.
लखनऊ के गोमती नगर में रहने वाले इंजीनियर के घर भी गत 23 दिसंबर को चोरी हो गई थी. पुलिस ने घर की नौकरानी समेत छह चोरों को गिरफ्तार किया. इन के कब्जे से चोरी का 27 लाख रुपए कैश और सोने के जेवरात बरामद कर लिए गए.
दरअसल महेश्वरी प्रसाद नाम के इंजीनियर के घर चोरी का तानाबाना उन की ही 10 वर्ष पुरानी नौकरानी ने बुना था. अलमारी में जरूरत से ज्यादा कैश और जेवर देख उस के मन में लालच आ गया था. उस ने अपने बेटे और दामाद को साथ मिला कर गांव के 3 अन्य युवकों को गिरोह में शामिल किया और एक माह पहले रेकी करवाई. बाद में पुलिस ने इन 6 चोरों के पास से 27 लाख रुपए कैश, सोने की तीन अंगूठियां, एक चेन और चोरी के रुपये से खरीदे गए 3 आईफोन बरामद किए.
सिंचाई विभाग में जोनल इंजीनियर के पद पर झांसी में तैनात यह इंजीनियर 20 दिसंबर को ड्यूटी पर चले गए थे जबकि उन की पत्नी पूनम सुशांत गोल्फ सिटी में रह रही थी. उन की नौकरानी अनुराधा 23 दिसंबर को काम कर के लौटते समय अंदर के दरवाजे खुले छोड़ आई थी. रात करीब पौने दो बजे 3 युवक मकान में दाखिल हुए और अंदर के दरवाजे व अलमारी तोड़कर लौकर में रखे 35 लाख रुपए और सोनेचांदी के जेवर समेट लिए.
इस तरह नौकरनौकरानी द्वारा घर के कीमती सामानों की चोरी के मामले अकसर सामने आते रहते हैं. आज कल संयुक्त परिवारों का ज़माना नहीं रहा. ज्यादातर लोग एकल परिवारों में रहते हैं. ऐसे में कुछ बुजुर्ग या युवा महिलाओं को भी कई दफा घर में अकेला रहना होता है. ये अपराधियों के इजी टारगेट बन जाते हैं. अपराधी अमूमन घर में काम करने वाले सर्वेंट ही होते हैं क्योंकि उन्हें घर की सारी जानकारी होती है.
बहुत सी सोसाइटीज में सुरक्षा के लिए बाहर चौकीदार बैठे होते हैं. मगर उन्हें घर के अंदर की जानकारी नहीं होती. वैसे ज्यादातर साधारण मोहल्लों में सुरक्षा की कोई व्यवस्था ही नहीं होती. हादसा होने के बाद पुलिस का दरवाजा खटखटाने से बेहतर है कि आप कुछ गलत होने ही न दें और पहले से सावधान रहें. यह काम अकेला इंसान नहीं कर सकता.
बेहतर यह होगा कि यह औप्शन म्युनिसिपल कारपोरेशन या पंचायत आदि के पास होना चाहिए कि अगर किसी भी महल्ले में कोई सोसाइटी बन जाती है जैसे रेजिडेंशल वेलफेयर एसोसिएशन या सुधार समिति वगैरह तो फिर वहां रहने वालों की सुरक्षा की जिम्मेदारी भी उस एसोसिएशन/ समिति पर सौंपी जानी चाहिए. यानी सभी मिल कर अपने महल्ले में एक सुधार समिति बना लें जिस में शामिल होने के लिए हर रेजिडेंट एक निश्चित धन राशि दें. इस तरह रुपए दे कर कोई भी रेजिडेंट उस समिति का सदस्य बन जाए.
इस एसोसिएशन या समिति का एक कम्पलसरी काम यह होना चाहिए कि वह उन बुजुर्गों और अकेलों की सुरक्षा भी करेगा जो इस के मेंबर है. इस सुधार समिति को सिर्फ घर के बाहर तक ही नहीं बल्कि घर के अंदर आने की भी अनुमति दी जानी चाहिए.
मान लीजिए आप घर में अकेले रहते हो और नौकरानी काम करने आती है तो चौकीदार उस पर नजर रखेगा. अगर चौकीदार को डर लग रहा है या उसे घर की नौकरानी पर शक हो रहा है तो वह आप के घर का दरवाजा खुलवा कर चेक कर सकता है.
यह भी किया जा सकता है कि सोसाइटी के कुछ रूल बना दिए जाएं. मसलन किसी घर में महिला अकेली है तो वह चौकीदार को कह सकती हैं कि एक बार रात में या दिन में उसे आ कर देख ले कि वह सही है या नहीं. इस तरह रोज डिस्टर्ब करने के लिए वह परमिशन देगी. ऐसे में चौकीदार किसी निश्चित समय पर जाकर रोज चेक कर सकेगा कि महिला सलामत है या नहीं.
इस तरह आप को कोई एसोसिएशन मिल जाएगा जहां जा कर आप अपने साथ हुए हादसे के खिलाफ हल्ला मचा सकते हो. सुधार समिति आप के लिए काम करेगी और आप की सुरक्षा सुनिश्चित करेगी. यह भूल जाएं कि पुलिस वाला आप को बचा सकता. यह काम रेसिडेंट्स को खुद ही करना होगा.