मंजू पूरी रात अपने बेटे संजय के घर लौटने का इंतजार करती रही, लेकिन वह नहीं लौटा. सुबह होने पर मंजू ने संजय के दोस्तों से बेटे के बारे में पता किया तो उन्होंने बताया कि उस के 3-4 दोस्त उसे अपने साथ ले कर कहीं गए थे. मंजू ने उन दोस्तों के बारे में पता लगाना शुरू किया तो जो बात मालूम हुई, उसे सुन कर वह परेशान हो उठी.

उसे जानकारी मिली कि वहीदा का भाई सलीम संजय को शराब पिलाने की पार्टी में शामिल होने के लिए अपने साथ ले गया था. सलीम के साथ और भी युवक थे. वह संजय के ऊपर यह सोच कर झुंझला रही थी कि जब जाना ही था तो क्या उसे साथ जाने के लिए सलीम ही मिला था. क्योंकि सलीम की बहन वहीदा को ले कर संजय की उस से दुश्मनी चल रही थी. अब मंजू का मन तरहतरह की आशंकाओं से घिरने लगा. उसे बेटे के गायब होने के पीछे किसी साजिश की बू आने लगी.

सलीम अपने अब्बा फजरुद्दीन, मां मदीना और बहन वहीदा के साथ हरियाणा के जिला फरीदाबाद की नेहरु कालोनी में मंजू के पड़ोस में ही रहता था. मंजू का मन नहीं माना तो देर शाम वह सलीम के घर पहुंच गई. उस ने सलीम से पूछताछ की तो उस ने बताया कि वह संजय को अपने साथ ले कर तो जरूर गया था, मगर पार्टी खत्म होने के बाद घर जाने की बात कह कर संजय कहां चला गया, यह उसे नहीं मालूम.

जब संजय के बारे में कहीं से कोई जानकारी नहीं मिली तो 19 अगस्त को मंजू थकहार कर बेटे की गुमशुदगी दर्ज कराने थाना डबुआ कालोनी पहुंची.

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