Relationship Tips : शादी को ले कर हमारे समाज में आज भी यह पुरातन धारणा कायम है कि शादी जन्मजन्मांतर का बंधन है. इस बंधन की पवित्रता को बनाए रखने के लिए एक आदर्श नारी की जरूरत होती है. यही कारण है कि शादी के लिए लोग ऐसी लड़की की तलाश करते हैं जो इस पुरानी धारणा में फिट हो सके. आदर्श बहू की तलाश में कई लोग गरीब घरों की ओर रुख करते हैं ताकि अभावों में गुजरबसर करने वाली लड़की एक धनी परिवार में आ कर खुद को कृतज्ञ महसूस करे और हमेशा दब कर रहे. लेकिन कई बार शादी के बाद जब यह भ्रम टूटता है तो लोग तिलमिला उठते हैं.

अपने छोटे भाई, बेटे या पोते की शादी के लिए लड़की की तलाश करने वाले लोगों के मन में अपनी मां या बीवी जैसी बहू की कल्पना होती है जो घर संभाले, बच्चों की देखभाल करे, पूरे घर की साफसफाई करे, किचन संभाले और कभी शिकायत न करे. पति थप्पड़ मारे, सास ताने मारे, ननद और जेठानी की सुनती रहे और कभी ऊंचे सुर में बात न करे. ऐसी अबला नारी बहू के रूप में सब को सुहाती है. मगर अब वह जमाना बीत चुका है. गांव हो या शहर, आज की लड़कियां अब ऐसी बहू बनना स्वीकार नहीं कर रहीं. आज की लड़कियां पहले वाली जेनरेशन की औरतों जैसी गुलाम नहीं रह गई हैं. लड़किया पढ़ रही हैं, कालेज तक पहुंच रही हैं, इसलिए अब वे कुछ हद तक आजादी के माने समझाने लगी हैं. शादी के बाद उन की आजादी पर आंच आए, यह आज की लड़कियों को बरदाश्त नहीं. हालांकि कुछ लड़कियां खुशीखुशी बहू वाली पारंपरिक भूमिकाएं निभाती हैं लेकिन पुरानी वाली बहू की भूमिका तो उन्हें भी कतई मंजूर नहीं. आज की पीढ़ी की ज्यादातर लड़कियां रिश्तों में संतुलन चाहती हैं. पति मनपसंद का है तो उस के परिवार के साथ थोड़ाबहुत तो एडजस्टमैंट कर सकती हैं लेकिन ज्यादा नहीं.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD48USD10
 
सब्सक्राइब करें

सरिता सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं

  • सरिता मैगजीन का सारा कंटेंट
  • देश विदेश के राजनैतिक मुद्दे
  • 7000 से ज्यादा कहानियां
  • समाजिक समस्याओं पर चोट करते लेख
 

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD100USD79
 
सब्सक्राइब करें

सरिता सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं

  • सरिता मैगजीन का सारा कंटेंट
  • देश विदेश के राजनैतिक मुद्दे
  • 7000 से ज्यादा कहानियां
  • समाजिक समस्याओं पर चोट करते लेख
  • 24 प्रिंट मैगजीन
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...