ऐसी बेवकूफी करने वाला वही अकेला नहीं होता है, बल्कि उस फिल्म के और भी कई दूसरे नौजवान छात्र किरदार ऐसा ही करते नजर आते हैं. कोई गाय को चारा देता है, ताकि इम्तिहान नतीजों में बेचारा साबित न हो जाए तो कोई सांप के आगे दूध का कटोरा रखता है, ताकि फेल के बाद इंजीनियर बनाने के बजाय दूध बेचने के लिए तबेला न खोलना पड़ जाए.

वह तो खैर फिल्म थी लेकिन असल जिंदगी में भी आप को बहुत से ऐसे लोग मिल जाएंगे जो अपनी कड़ी मेहनत से ज्यादा पूजापाठ के भरोसे पैसा बनाने की सोच रखते हैं. इस में नई पीढ़ी भी काफी तादाद में शामिल दिखाई देती है. जिस का नतीजा कभीकभार तो इतना खतरनाक हो जाता है जो किसी की जान पर जा कर खत्म होता है.

साल 2017 की बात है. छत्तीसगढ़ के बलौदा बाजार जिले में एक पिता ने जल्द से जल्द अमीर बनने के चक्कर में अपनी 4 साल की मासूम बेटी की बलि दे दी थी.

हत्या की यह वारदात बलौदा बाजार जिले के तिल्दा इलाके की थी जहां आरोपी दीपचंद ने रातोंरात अमीर बनने के लालच में एक तांत्रिक की बातों में आ कर अपनी बेटी लक्ष्मी की बलि चढ़ा दी थी.

पुलिस हिरासत में दीपचंद ने बताया कि उसे गांव के ही एक तांत्रिक ने अमीर बनने के लिए तंत्रमंत्र करने की सलाह दी थी. दीपचंद ने उस के कहने के मुताबिक ही अपनी बेटी का गला घोंट कर उसे मौत के घाट उतार दिया था. हत्या के बाद वह भगवान के सामने खड़े हो कर मंत्र जाप करने लगा था.

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