हरकोई देश से बाहर जाना चाहता है। कोई उच्च शिक्षा के लिए तो कोई नौकरी और बेहतर अवसरों के लिए. यूके, अमेरिका, आस्ट्रेलिया और यूरोपियन देशों के वीजा के लिए लगी लंबीलंबी कतारें इस बात का सुबूत हैं. अपने देश से दूसरे देश में जाने के लिए पासपोर्ट और वीजा की जरूरत पड़ती है. पासपोर्ट बनवा लेना आसान है. पासपोर्ट सेवाओं के आवेदन के लिए भारत सरकार की आधिकारिक वैबसाइट www.passportindia.gov.in है. आप मोबाइल ऐप एमसेवा का भी इस्तेमाल कर सकते हैं.

वीजा का आवेदन औफलाइन और औनलाइन दोनों तरीकों से किया जा सकता है. वीजा कई तरह के होते हैं जिन में ऐंप्लौयमैंट वीजा, बिजनैस वीजा, स्टडी वीजा, टूरिस्ट वीजा, रिसर्च वीजा खास हैं. पासपोर्ट बनाने वाली स्थानीय संस्थाएं होती हैं. लेकिन दिक्कत आती है वीजा को ले कर, जो उन देशों की संस्थाओं द्वारा दिया जाता है जहां वे जाना चाहते हैं.

वीजा एक प्रकार का आधिकारिक दस्तावेज है जो दर्शाता है कि आप को एक निश्चित अवधि के लिए या स्थायी रूप से किसी विशेष देश में प्रवेश करने, छोड़ने और रहने की अनुमति देता है. यह एक तरह का प्रमाणपत्र हो सकता है जो किसी देश के इमिग्रेशन अधिकारियों द्वारा आप के सभी दस्तावेजों को ठीक से जांचने और सत्यापित करने के बाद जारी किया जाता है.

एक बार जब आप को वीजा मिल जाता है तो इस का मतलब है कि आप को किसी देश में प्रवेश करने और एक विशिष्ट अवधि के लिए वहां रहने की अनुमति है. हालांकि, वीजा के माध्यम से प्राप्त अनुमति अस्थायी है जिसे स्थायी बनाने के लिए आप को एअरपोर्ट पर वीजा की चैकिंग से भी गुजरना पड़ता है, वहां पास होने पर ही आप किसी देश में ऐंट्री ले सकते हैं.

बढ़ रहे हैं फ्रौड के मामले

विदेश जाने की लालसा के साथसाथ वीजा घोटाले भी बढ़ रहे हैं. वीजा इमीग्रेशन में होने वाले सब से ज्यादा घोटाले नौकरियों के नाम पर होते हैं. वर्क वीजा दिलाने के ऐवज में घोटालेबाज नौकरियों की तलाश कर रहे लोगों को बड़ेबड़े देशों में फ्रौड नौकरी के अवसर में फंसा कर अच्छाखासा पैसा ले लेते हैं. इच्छुक लोगों को प्लैसमेंट के नाम पर शुल्क देने को कहा जाता है जो अधिकतर देशों में अवैध है.

हाल ही में वीजा फैसिलिटेशन सर्विसेज ग्लोबल (वीएफएस ग्लोबल) जोकि एक वीजा सलाहकार के क्षेत्र की जानीमानी कंपनी है, का एक अखबार में छपे ऐडवरटोरियल में कहना है कि वीजा आवेदन, वीजा की अवधि और उस पर प्रक्रिया करने की समय सीमा संबंधित निर्णय राज्य दूतावासों/वाणिज्य दूतावासों के हाथ में है. व्हीएफएस ग्लोबल और इस के ही जैसी संस्थाएं केवल वीजा आवेदन प्रक्रिया के प्रशासनिक और गैर निर्णयात्मक पहलुओं को संभालती है. हम वीजा आवेदन के निर्णय के मामले में कोई भूमिका नहीं निभाते हैं या उसे प्रभावित नहीं करते.

व्हीएफएस ग्लोबल सोशल मीडिया, ईमेल, एसएमएस या कौल पर आप को अपनी व्यक्तिगत जानकारी देने या अग्रिम भुगतान करने के लिए मना करती है. उन का कहना है कि यदि आप को वीजा आवेदन प्रक्रिया को शीघ्रता से पूरा करने के लिए व्यक्तिगत खातों में भुगतान करने के लिए कहा जाता है, तो समझ लीजिए कि आप घोटालेबाजों के संपर्क में हैं. व्हीएफएस इस से सर्तक रहने के लिए कहता है.

सावधानी हटी दुर्घटना घटी

वीजा प्रक्रिया को पूरा होने में कई तरह के दस्तावेज और समय लगता है, जिस को कम और जल्दी करने के चक्कर में लोग अकसर जालसाजों के हाथों में फंस जाते हैं. दस्तावेजों का निरीक्षण इसे और भी लंबा बना देता है क्योंकि यह किसी देश की सुरक्षा का मामला होता है.

वीजा के लिए लंबीलंबी कतारे लगी होती हैं। इंतजार महीनों भर तक का होता है. ऐसे में लोग कम जानकारी के अभाव में और जल्दी जाने की चाह में जालसाज और फ्रौड कंपनियों के हाथों चढ़ जाते हैं और अपना कीमती वक्त और पैसा गंवा बैठते हैं.

अगस्त, 2023 की घटना का जिक्र करते हुए रीडिट वैबसाइट पर एक महिला अपना अनुभव शेयर करती हैं. उन का कहना था कि एक आदमी ने मुझे व्हाट्सऐप के माध्यम से कनैक्ट किया और कहा कि वह भी कनाडा जा रहा है। उस ने अपना एक अच्छाखासा प्रोफाइल बना रखा था. मैं जानना चाहती थी कि यह किस हद तक जा सकता है तो मैं ने उस से आगे की जानकारी ली. उस ने मुझे अपनी कंसल्टैंसी में एक महिला से बात कराई जिस का कहना था कि वह उस की सीनियर है. उस महिला ने मुझे ₹45 लाख की बड़ी राशि देने की बात कही. मैं हैरान थी। मैं ने देने से मना कर दिया और दोनों को ब्लौक कर दिया. वीजा के लिए उन्हें इतनी फीस की डिमांड करना ही उन्हें शक के घेरे में डाल देता है. महिला की सतर्कता थी कि वह उन से बच गई.

इमिग्रेशन वीजा के नाम पर देश में बड़े पैमाने पर कंपनियां और उन के ऐजेंट काम कर रहे हैं, जो वीजा इमीग्रेशन कंसल्टैंट और काउंसिलिंग के नाम पर अच्छाखासा पैसा वसूल लेते हैं.

कनाडा, आस्ट्रलिया, यूके और अमेरिका जैसे देशों के लिए वीजा की डीमांड बढ़ रही है जिस के चलते वीजा की इच्छा रखने वाले स्टूडैंट्स और नौकरीपेशा वीजा फ्रौड के चंगुल में भी आ रहे हैं. ये लोग एक बङी धनराशि के बदले लोगों को फ्रौड वीजा पकड़ा रहे हैं. इंटरनैट पर ऐसी कंपनियों की भरमार है जो वीजा ऐजेंट के तौर पर काम कर रहे हैं. जानकारी के अभाव में कुछ लोग इन कंपनियों के चंगुल में फस जाते हैं.

पुलिस गिरफ्त में जालसाज

इसी का उदाहरण है दिल्ली में गल्फ देशों में जैसे युनाइटेड अरब अमीरात, कतर, कुवैत, सऊदी अरब में नौकरी और वीजा का वादा कर के लोगों को ठगने वाले 2 लोगों को पिछले दिनों गिरफ्तार किया गया था. पुलिस के मुताबिक आरोपियों ने ‘मीट वीजा’ नाम से एक फर्म की शुरुआत की. इसी फर्म के अंदर पिछले 4 महीनों में वे करीब 300 लोगों को अपनी ठगी का शिकार बना चुके थे. इन के निशाने पर खाड़ी देशों में नौकरी की तलाश कर रहे लोग होते थे.

वे सोशल मीडिया में विज्ञापन के जरिए लोगों को फंसाते और उन्हें अपने कार्यालय बुला कर पासपोर्ट और कुछ पैसा ऐडवांस जमा कराते. सबकुछ वास्तविक लगे उस के लिए उन्होंने एक डायग्नोस्टिक सैंटर से भी सांठगांठ कर रखी थी. जहां वे वीजा की इच्छा रखने वालों को स्वास्थ्य परिक्षण के लिए भेजते थे. फिर पासपोर्ट स्टैंप के लिए नेपाल भेज दिए जाते. उन्हें धोखे का पता तब चलता जब वे बाकी पैसा दे चुके होते और इमीग्रेशन काऊंटर पर जाते, जहां अधिकारी उन्हें इस बात की जानकारी देता था.

ऐसे ही अगस्त, 2023 में ही चंडीगढ़ के सैक्टर 17 स्थित इमीग्रेशन कंपनी बीबी कांउसिल के खिलाफ मामला दर्ज किया गया. यह मामला 19 लोगों की शिकायत पर दर्ज किया गया था. अंबाला के सुखविंदर सिंह ने बताया कि उन से इमिग्रेशन के नाम पर ₹2.65 लाख वसूले। भटिंडा के गुरूचरण सिंह से ₹7.43 लाख तथा लुधियाना की एक महिला से करीब ₹8.80 लाख. यह सिलसिला यहीं नहीं रुकता, छोटेछोटे ऐजेंटों के अलावा बङीबङी कंपनियों से जुङे लोग भी इस में शामिल हैं.

सितंबर 2023 में ब्रिटिश हाई कमिशन ने दिल्ली पुलिस को फ्रौड वीजा ऐजेंट के बारे में आगाह किया जोकि दिल्ली और उस के आसपास के क्षेत्रों में अपना नैटवर्क चला रहे हैं जिस में वे हरियाणा, गुजरात और पंजाब के लोगों को अपना टारगेट बनाते हैं. यह ऐजेंट एक व्यापक संगठित नेटवर्क के हिस्से के रूप में काम करते हैं.

लिखित शिकायत में अंतर्राष्ट्रीय इमिग्रेशन के तीसरे सचिव एंड्र्यू लौंगली ने वीजा आवेदन को आसान बनाने के लिए ऐजेंट द्वारा नई दिल्ली में ब्रिटिश हाई कमीशन को नकली और जाली दस्तावेज उपलब्ध कराए जाने का शक जाहिर किया था.
विस्तृत जांच में अब तक 2 मुख्य ऐजेंटों का पता चला है, जिन्होंने नई दिल्ली में ब्रिटिश उच्चायोग को 8 अलगअलग क्रैडिट कार्डों का उपयोग कर के कम से कम 164 वीजा आवेदन जमा किए थे. 107 वीजा आवेदनों में नकली और जाली सहायक दस्तावेज शामिल होने की जानकारी भी दी गई.

इस तरह के नेटवर्क्स पूरे देश में फैले हुए हैं जो लोगों को ठग रहे हैं और गैर कानूनी तरीके से लोगों को देश के बाहर भेज रहें हैं, जिस का खमियाजा इस में फंसने वालों को भुगतना पड़ रहा है.

ऐसा ही एक मामला 2023 में साल की शुरुआत में उठा था जिस में 700 से अधिक भारतीय छात्रों को कनाडा से निर्वासन का सामना करना पड़ रहा था क्योंकि उन्हें पता चला कि उन के शैक्षणिक संस्थान के प्रवेशपत्र नकली थे. इस धोखाधड़ी का खुलासा तब हुआ जब कनाडा में छात्रों ने स्थायी निवास के लिए आवेदन किया. कैनेडियन बौर्डर सर्विस ऐजेंसी (सीबीएसए) ने उन दस्तावेजों की जांच की जिन के आधार पर उन के वीजा जारी किए गए थे और पाया कि दस्तावेज नकली थे. इस तरह उन 700 छात्रों का भविष्य अधर में लटक गया था.

इसी तरह फ्रौड वीजा के मामले में बढ़ोत्तरी के कारण आस्ट्रेलिया के 5 विश्वविद्यालयों ने चुनिंदा भारतीय राज्यों को जिन में राज्यस्थान, उत्तर प्रदेश शामिल हैं, में भारतीय छात्रों पर बैन लगा दिया है.

कैसे फंसाते हैं झांसे में ?

घोटालेबाज अकसर नकली वैबसाइट बनाते हैं, जो वैध वीजा सेवा प्रदाताओं की हूबहू नकल करते हैं. इन वेबसाइटों के बीच असली और नकली का अंतर करना मुश्किल हो जाता है. वीजा ऐजेंट और काउंसलर के नाम से ये सोशल मीडिया, कौल और मैसेज के माध्यम से आप तक पहुंचते हैं. आप को औफिस बुला कर या खुद आप के घर पहुंच पासपोर्ट व बाकी दस्तावेज जमा करते हैं और फीस के तौर पर अच्छाखासा अमाउंट भी. और इस तरह आप इन का शिकार बन जाते हैं.

ऐसा भी करते हैं 

अकसर लोग नौकरी और नौकरी वीजा के जुगाड़ के नए तरीके ढूंढ़ते हैं. बीएम मानिया जोकि एक युटूयूबर है, ट्रैवल और वीजा फ्रौड पर ब्लौग बनाते हैं। एक ब्लौग में वे बताते हैं कि लोग पहले जौब औफर न होने पर ट्रैवल वीजा पर विदेश चले जाते हैं फिर विदेश में नौकरी ढूंढ़ जौब लैटर हासिल कर नौकरी वीजा पर विदेश में रहने लगते हैं. पर यह जिनता आसान दिखता है उतना है नहीं। सबकुछ सैट हो जाने के बाद टूरिस्ट वीजा को वर्क वीजा में बदलने के लिए भारत में ही इमिग्रेशन काउंटर पर आप से ढेरों सवाल पूछे जाएंगे. किसी तरह जब आप यहां से निकल जाते हैं तो विदेश पहुंच कर भी इमीग्रेशन काउंटर पर आप को उन के सवालों का सामना करना पड़ेगा। जरा सा भी संदिग्ध दिखाई देने पर पूरी संभावना है कि आप को वापस डिपोर्ट कर दिया जाएगा.

इस के अलावा लोग विदेशी नागरिकों से मैरिज कर उस देश की रैजीडेंसी हासिल करने का रास्ता भी अपनाते हैं.

मैरिज स्कैम एक दूसरा इमिग्रेशन फ्रौड है. स्कैम करने वाले आप को विदेशों की परमानैंट रैजीडेंसी के नाम पर विदेशी नागरिक से शादी की बात कर के पैसों की डिमांड करते हैं. ये आप को मैरिज सर्टिफिकेट और ग्रीन कार्ड (नागरिकता कार्ड) दिलाने का वादा करते हैं और गायब हो जाते हैं.

अगस्त, 2023 का ही मामला है. भिलाई की रहने वाली युवती के व्हाट्सऐप पर एक मैसेज आया कि उस का नाम यूके के मैरिज ब्यूरो में सिलेक्ट कर लिया गया है. फिर एक अज्ञात शख्स उस से बात करने लगा. तय हो गया कि शादी के बाद दोनों यूके में बस जाएंगे. युवती ने मैडिकल और वीजा के नाम पर धीरेधीरे कर अज्ञात शख्स को ₹3 लाख 9 हजार भेज दिए. बाद में उसे ठगे जाने की जानकारी हुई.

कैसे बचें ?

आज के डिजिटल युग में वीजा घोटाले और धोखाधड़ी वाली वैबसाइटें विदेशों में रहने और यात्रा करने के इच्छुक लोगों के लिए एक बढ़ती चिंता का विषय बन गई है. इंटरनैट ने वीजा आवेदन प्रक्रियाओं को और अधिक सुविधाजनक बना तो दिया है, लेकिन इस के साथसाथ धोखेबाजों के लिए नएनए रास्ते भी खोल दिए हैं.

ई-वीजा के नाम पर धोखेबाजियां बढ़ती जा रही हैं, जिस को देखते हुए 2017 में मिनिस्ट्री औफ होम अफेयर्स गवर्नमैंट औफ इंडिया या गृह मंत्रालय भारत सरकार द्वारा एक ऐडवाइजरी जारी की गई थी जिस में उन का कहना था कि भारत सरकार आवेदक या वीजा की इच्छा रखने वाले की ओर से ई-वीजा के आवेदन करने के लिए किसी भी अधिकृत ऐजेंट को नियुक्त नहीं करती है. वह आम जनता को भी सलाह देते हुए कहती है कि वे ऐसे फर्जी ई-वीजा पोर्टलों के झांसे में न आएं जो इस के लिए मोटी रकम ले कर ऐक्सप्रेस ई-वीजा सेवाएं प्रदान करने का दावा करते हैं. ई-वीजा और संबंधित वीजा सेवाओं के लिए भारत सरकार की आधिकारिक वैबसाइट www.Indianvisaonline.gov.in है।

देशविदेश की सरकारें भी इस तरह के फ्रौडों से नागरिकों को सतर्क करती रहती है. इसलिए वीजा ऐप्लीकेशन लगाने से पहले इस के नियमकानूनों को समझ लेना एक जरूरी कदम है.
इसी को देखते हुए यूएस डिपार्टमैंट औफ स्टेट, आस्ट्रेलियन गवर्नमैंट, गवर्नमैंट औफ पौलेंड, कनाडाई गवर्नमैंट, न्यूजीलैंड गवर्नमैंट जैसे ही कई सरकारों ने वीजा से जुड़े फ्रौडों की जानकारी और सतर्कता के उपाय अपनी ऐंबेसी की वैबसाइट पर डाल दिए हैं जिन की मदद से आप फ्रौड करने वालों के जाल में फंसने से बच सकते हैं.

कैसे करें आवेदन ?

आप अपने गंतव्य देश के दूतावास में वीजा के लिए आवेदन कर सकते हैं या आप किसी प्रतिष्ठित या विश्वसनीय थर्ड पार्टी वीजा सेवा के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं जिस का वर्षों का अनुभव व रिकौर्ड हो. नहीं तो आप सीधे भारत सरकार के ई-वीजा पोर्टल पर आवेदन कर सकते हैं.

वीजा अप्रूवल पूरी तरह से आधिकारिक मामला है जिस में इमीग्रेशन अधिकारियों द्वारा निर्धारित प्रक्रियाओं को पूरा किए जाने की आवश्यकता होती है. वीजा सेवा प्रदाता केवल गाइड कर सकता है। यह प्रोसेस को तेज या धीमा करने की क्षमता नहीं रखते न ही यह वीजा की गारंटी दे सकते हैं. इसलिए ऐसे लोगों के झांसे में न आएं जो गारंटी और जल्दी वीजा की बात करते हैं क्योंकि ये किसी देशविशेष की अंदरूनी सुरक्षा का मामला है तो डौक्यूमेंट वैरिफिकेशन में वक्त लगाता है.

अच्छी ऐजैंसियों की पहचान आप भारत सरकार द्वारा प्रदान किए गए उन के लाइसेंस नंबर की जांच से कर सकते हैं. ये कंपनियां रजिस्टर भी होती हैं और विश्वसनीय भी. किसी भी कंपनी की जांच उस के लाइसैंस नंबर को भारतिय इमिग्रेशन की वैबसाइट से कन्फर्म किया जा सकता है.

सोशल मीडिया में आने वाले विज्ञापनों के माध्यम से ये धोखेबाज लोगों को विदेशों में नौकरियों के लुभावने सपने दिखा कर उन को बेवकूफ बना कर उन का फायदा उठा रहे हैं. जैसेजैसे लोगों की रूची विदेशों की तरफ बढ़ रही है ये फ्रौड भी बढ़ रहे हैं. इस के लिए जरूरी है कि आप किसी के झांसे में न आएं।

ऐसा न हो की इंस्टाग्राम और यूट्यूब के ऐडों के चक्कर में आप अपनेआप को अपनी डैस्टीनेशन कंट्री से वीजा धोखाधड़ी के चलते ब्लैकलिस्ट करा लें. इसलिए जरूरी होगा आप सुरक्षा का ध्यान रखें.

क्या होता है असर ?

वीजा फ्रौड विदेश जाने के इच्छुक नागरिकों के भविष्य को प्रभावित करता है. मुख्यतौर पर आर्थिक रूप से. ऊपर दिए गए सभी उदाहरणों से साबित होता है कि लोग अपने जीवन की जमापूंजी को किस तरह फ्रौड करने वालों के हाथों में थमा दे रहे हैं. मांबाप अपनी संतानों के बेहतर भविष्य के लिए पैसा इकट्ठा करते हैं और एक गलती के चलते सारा पैसा और उन का भविष्य अधर में लटक जाता है.

विदेश यात्राओं में तेजी न केवल दुनियाभर के भारतीयों के लिए, बल्कि घोटालेबाजों के लिए भी एक सुनहरा मौका बन गई है. विदेशों में बसने की लालसा भारतियों का धोखेबाजों का शिकार बना रही है. इस से बचे जाने की जरूरत है। नहीं तो भविष्य में इस के बढ़ने की संभावनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता. सुरक्षित तरीके से वीजा नियमों का पालन करते हुए इन फ्रौडों से बचा जाना ही एकमात्र उपाय है.

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