मौसमी फूलों के पौधों का जीवन अल्पकालिक होता है. अंकुरण से फूलने तक की उन की सभी क्रियाएं 3 माह से ले कर एक वर्ष के बीच पूरी हो जाती हैं. कुछ मौसमी पौधे बहुत बड़े होते हैं तो कुछ झाड़ीनुमा. लेकिन अधिकतर पौधे छोटे या बौने होते हैं. इन की रंगबिरंगी छटा मनभावन होती है. ये पौधे उद्यान को सुंदरता प्रदान करते हैं. इन को क्यारियों, गमलों, बरामदों, छतों, दीवारों, खिड़कियों आदि स्थानों पर आराम से उगा सकते हैं, क्योंकि इन की जड़ें कम गहरी होती हैं.
उद्यान
बगीचे में मौसमी पौधों का विशेष स्थान होना चाहिए. ध्यान रहे कि ये गुलाब वाटिका या दूसरे किसी ऐसे फूलों के समीप न हों जहां पर उन फूलों की छटा फीकी पड़ जाए. मौसमी पौधों की क्यारियां ज्यामितीय (स्क्वायर, ट्रैंगल, एल) आकार में बनाई जाती हैं. अनौपचारिक तरीके में क्यारियां घुमावदार होती हैं जिन में कोई कोण नहीं होता है.
मौसमी फूलों के पौधों को लगाने का सब से अच्छा तरीका है उन्हें किनारों पर बौर्डर के रूप में लगाया जाए.
ध्यान रहे कि बौर्डर पर किसी झाड़ी या वृक्ष की छाया न पड़ती हो. बड़े पौधे पीछे की तरफ, मध्यम बीच में व छोटे पौधे आगे की तरफ होने चाहिए.
गमलों में उगाएं
बढ़ते शहरीकरण व जनसंख्या वृद्धि के साथ घरों में क्यारियां बनाने की जगह नहीं होती है. लेकिन मौसमी
फूलों के पौधों, जैसे एंटीराइनम, कोचिया, कैलेंडुला, कैंडीटफ्ट, सिनरेरिया, बालसम आदि को गमलों में भी आसानी से उगा सकते हैं.
टोकरियों में लटकाना : इन पौधों को टोकरियों में लगा कर बरामदों, पोर्च आदि में लटकाते हैं. ये पौधे लताओं की तरह होते हैं, जैसे पिटूनिया, नास्टर्शियम, स्वीट एलाइसम, फ्लाक्स, पोर्चुलाका आदि.