हौलीवुड दिग्गज हार्वे विंसटीन के सैक्सुअल हैरासमैंट स्कैंडल सामने आने के बाद अब भारत में तेजी से ऐसे स्कैंडल सामने आ रहे हैं. बौलीवुड और मीडिया से जुड़ी महिलाएं अपने साथ हुए यौनशोषण को दुनिया को बता रही हैं.

विदेशी की धरती से शुरू हुआ महिलाओं का मी टू मूवमैंट भारत की धरती पर फैल रहा है. यह महिलाओं में जागरुकता आने का साफ इशारा है. हालांकि, यौनशोषण की मारी कितनी ही महिलाएं खामोश हैं.

अभिनेत्री तनुश्री दत्ता ने अभिनेता नाना पाटेकर व फिल्मलाइन से जुड़े दूसरे लोगों पर यौनशोषण के आरोप लगाए तो महिला पत्रकार प्रिया रमानी ने पत्रकार रहे राजनेता व मौजूदा केंद्रीय विदेश राज्यमंत्री एम जे अकबर पर यौनशोषण के आरोप लगाए. इस के अलावा कई और महिलाओं ने इन हस्तियों व दूसरी और हस्तियों पर भी ऐसे आरोप लगाए हैं.

दिलचस्प यह भी है कि बड़ी कंपनियां डर रही हैं कि कहीं वे न मी टू की चपेट में आ जाएं. वे अपने उच्च अधिकारियों के खिलाफ की गई महिला कर्मियों द्वारा यौनशोषण की शिकायतों को भीतरी तौर पर निबटाने की जुगत में लग गई हैं.

दरअसल, महिला कर्मचारियों में अपने यौनशोषण किए जाने की बाबत जागरुकता बढ़ रही है. वर्कप्लेस पर सैक्सुअल हैरासमैंट से निबटने के लिए बने कानून के बारे में महिलाएं चौकन्ना हो गई हैं. सो, कंपनियां ऐसे मामलों को निबटाने की व्यवस्था अपने यहां कर रही हैं. वहीं, कंपनियों के पास कर्मचारियों को सावधान करने के सिवा दूसरा रास्ता नहीं होता, क्योंकि उन्हें बाद में इस की भारी कीमत चुकानी पड़ती है.

यौनशोषण के खिलाफ तकरीबन हर कंपनी जीरो टौलरेंस पौलिसी अपनाती है. ऐसा मी टू मूवमैंट शुरू होने से पहले से ही हो रहा है. लेकिन, यह और बात है कि घटनाएं घटती रहती हैं.

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