सूर्यनगरी के नाम से विख्यात जोधपुर की अदालत में चीफ जुडिशियल मजिस्ट्रैट दलपत सिंह राजपुरोहित की कोर्ट दूसरी मंजिल पर है. उस दिन ठंड काफी तेज थी और हवा चल रही थी. इस के बावजूद कोर्ट के गलियारे में भारी भीड़ थी. उस दिन तारीख थी 18 जनवरी और चीफ जुडिशियल मजिस्ट्रैट सलमान खान के 18 साल पुराने केस में अपना फैसला सुनाने वाले थे. इसलिए सुबह 9 बजे से ही लोग कतार लगाए खड़े थे.

उन्हें अपने उस हीरो के आने का इंतजार था, जिसे बहुचर्चित शिकार प्रकरण में अवैध हथियार रखने और हिरण के शिकार में इस्तेमाल करने के आरोपों में फैसला सुनाया जाना था.

ज्ञातव्य हो इस से पहले जयपुर हाईकोर्ट की विद्वान न्यायाधीश निर्मलजीत कौर 25 जुलाई, 2016 को सलमान खान को हिरणों के शिकार मामले में बरी कर चुकी थीं. इस के बाद उन पर आर्म्स एक्ट का ही मामला बचा था जो जोधपुर की अदालत में विचाराधीन था.

18 जनवरी, 2017 को सलमान जब जोधपुर में सुनाए जाने वाले फैसले के लिए अदालत में आने वाले थे तो उन की एक झलक पाने की बेताबी हर शख्स के चेहरे पर झलक रही थी. अच्छीखासी गहमागहमी के बीच वकील, अन्य मामलों के मुवक्किल, यहां तक कि सेलफोन कैमरा मोड किए पत्रकारों और फोटोग्राफर्स की अंगुलियां भी सलमान के फोटो खींचने को बेताब थीं.

स्थिति यह थी कि सवा 10 बजतेबजते कोर्ट रूम के बाहर जमा भीड़ बेकाबू होने लगी. पुलिस के लिए बंदोबस्त भारी पड़ रहा था. करीब साढे़ 10 बजे एकाएक हलचल मची, लेकिन आने वाली सलमान की बहन अलवीरा थीं, जो सीधे कोर्ट रूम में पहुंच गईं.

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