Education System :  छात्रों के लिए परीक्षा का फौर्म भरना परीक्षा देने से भी कठिन होता है. क्या परीक्षा फौर्म को सरल नहीं किया जा सकता जिस से छात्र बिना किसी मदद के इन्हें सही तरह से भर सकें?
    सरकारों ने धीरेधीरे न केवल परीक्षाओं को बल्कि परीक्षा फौर्म को भरना इतना कठिन कर दिया है कि छात्र इन के ही चक्कर काटता रहे. वह नौकरी के लेवल तक पहुंच ही न पाएं. ऐसे में अच्छे खासे पढ़ेलिखे छात्र भी परीक्षा फौर्म भरने में दूसरे जानकार लोगों की मदद लेने को मजबूर होते हैं. कई बार हिंदी के ऐसे शब्द लिखे होते हैं जिन को समझने के लिए अंगरेजी में ट्रांसलेशन करना पड़ता है.
परीक्षा फौर्म भरने के लिए अब कंप्यूटर और हाईपावर इंटरनेट का होना भी जरूरी होता है. मोबाइल से फौर्म नहीं भरा जा सकता. ऐेसे में पहली जरूरत लैपटौप या कंप्यूटर हो गई है. दूसरी जरूरत जानकार व्यक्ति जो सही तरह से फौर्म भरवा सके. इन दोनों के लिए ही छात्र को पैसा खर्च करना पड़ता है. परीक्षा फौर्म भरवाने के लिए कंप्यूटर सेंटर खुल गए हैं.
आज भी बहुत सारे ऐसे छात्र हैं जिन के पास लैपटौप या कंप्यूटर नहीं है. यह लोग बिना किसी मदद के औनलाइन फौर्म नहीं भर सकते हैं. इस के ऊपर फौर्म में तमाम सवालों के जवाब देने पड़ते हैं. सरकार का दावा है कि यह सब छात्रों के भले के लिए किया गया है. जिस से परीक्षा में गड़बड़ी न हो. परीक्षा का परिणाम समय पर आए और छात्रों को जल्द नौकरी मिल सके.
सचाई सरकारी दावे के पूरी तरह से उलट हैं. आज परीक्षाओं में गड़बड़ी बड़े स्तर पर हो रही है. नकल और पर्चा आउट होना आमबात है. परीक्षा के परिणाम सालोंसाल लेट हो रहे हैं. सरकारी नौकरी के इंतजार में आधी उम्र निकल जा रही है.
    संघ लोक सेवा आयोग यानि यूपीएससी ने एनडीए नैशनल डिफेंस एकेडमी और नेवल एकैडेमी एग्जाम 2024 के लिए नोटिस दी. एग्जाम नोटिस नंबर 3 /2025-एनडीए-1 में परीक्षा के बारे में 109 पेज का एक फौर्म बनाया. इस में परीक्षा कैसे दें ? कितने नंबर के सवाल हैं जैसी तमाम चर्चा की गई थी. 109 पेज पढ़ कर उस को परीक्षा का फौर्म भरना था.
    परीक्षा फौर्म भरने से ले कर सवालों के जवाब भरने तक एक लंबी प्रक्रिया होती है. इस में तमाम ऐसी जानकारियां मांगने के कालम हैं जो गैर जरूरी हैं और इन को नौकरी देते समय मांगा जा सकता है. परीक्षा फौर्म में एक भी गड़बड़ी होने का मतलब होता है पूरी परीक्षा का रद्द हो जाना. कठिन होते फौर्म के चलते गड़बड़ी होने की संभावना बढ़ जाती है. इस में सुधार के अवसर भी सीमित होते हैं. उस का भी निर्धारत समय होता है.
11 दिसंबर को नोटिस दिया गया कि परीक्षा होगी और 31 दिसंबर तक फौर्म भर देना था. उस के लिए जो परीक्षा होनी थी उस में परीक्षा का मोड ओएमआर तरीके से होनी है. यानी सरकारी टैस्ट एजेंसी दूसरी परीक्षाओं की तरह रिजल्टों के लिए कंप्यूटरों पर ही निर्भर है. फौर्म भरने में कठिनाई आएगी, उस का अंदाजा यूपीएससी को था इसलिए उस ने एक सहायता कक्ष भी बनाया और पूरे देश के लिए एक, दिल्ली में.
सरकारी टैस्टिंग एजेंसी जो हर सूचना के लिए मोबाइल को जबरन करती है, कहती है, कैंडिडेट को अपने साथ परीक्षा कक्ष में मोबाइल ले जाने पर मना कर देते और परीक्षा केंद्र में कोई जगह भी बनाती नहीं जहां परीक्षा के दौरान अपना सामान कैंडिडेट रख सकें. यह नितांत तानाशाही और मनमानी है कि कैंडिडेट सैंकड़ों मीलों से आएं और उन के पास अपना बैकपैक रखने की भी जगह न हो.
406 पदों के लिए कितने कैंडिडेट बैठेंगे इस का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि यह 78 शहरों में कराई जा रही है. इस परीक्षा में 18 से 21 साल तक के युवायुवतियां समेत भाग लेंगे और सैंकड़ों निकटतम परीक्षा केंद्र में पहुंचेंगे. उन को न ठहराने की व्यवस्था है, न बनाने की. जानबूझ कर तानाशाही का पाठ पहले ही दिन से पढ़ाया जाता है. यही लोग आगे चल कर और कठिन परीक्षाएं कराते हैं. इस सूचना की एकएक शर्त पर पूरा पेज लिखा जा सकता है.

पूरे फौर्म में नहीं होती सुधार की गुंजाइश

    काउंसिल औफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च यानी सीएसआईआर यूजीसी नेट दिसंबर परीक्षा का आयोजन 16 से 28 फरवरी 2025 तक आयोजित होगी. यह परीक्षा देश भर के विभिन्न परीक्षा केंद्रों पर आयोजित कराई जाएगी. यह एग्जाम 180 मिनट के लिए होगा. परीक्षा का माध्यम हिंदी और अंगरेजी दोनों होगा. परीक्षा का फौर्म आधिकारिक वेबसाइट पर भरा जाएगा. 2 जनवरी, 2025 तक परीक्षा के लिए आवेदन फौर्म भरे गए थे. 3 जनवरी तक परीक्षा के लिए निर्धारित फीस भरी गई थी. 04 जनवरी 2025 से परीक्षा के लिए करेक्शन विंडो ओपन होगी.
    परीक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन करने वाले कैंडिडेट्स 4 जनवरी से अपने एप्लीकेशन फौर्म में हुई गलती को सुधार सकते हैं. इस के लिए अभ्यर्थियों को औफिशियल वेबसाइट पर जा कर लोगइन करना होगा. परीक्षा फौर्म में करेक्शन करने के लिए अभ्यर्थियों को 5 जनवरी, 2025 तक ही समय दिया गया था. कैंडिडेट्स को केवल एक दिन के भीतर ही अपने आवेदन पत्र में सुधार करना होगा. इस के बाद कोई भी सुधार स्वीकार नहीं किया जाएगा.
    सुधार में भी शर्ते लागू थी. परीक्षा फौर्म में सुधार के इच्छुक ऐसे कैंडिडेट्स जिन्होंने करेक्शन करने के लिए आधार कार्ड यूज नहीं किया है, वे डेट औफ बर्थ, जेंडर, पिता का नाम, माता का नाम के सेक्शन में बदलाव कर सकते थे. आधार कार्ड यूज करने वाले कैंडिडेट्स को भी इसी सेक्शन में बदलाव की अनुमति दी गई थी. अभ्यर्थियों को उम्मीदवार का नाम, लिंग, फोटो, हस्ताक्षर, मोबाइल नंबर, ईमेल पता, एड्रेस एवं पत्राचार पता, परीक्षा शहर को बदलने की अनुमति नहीं थी.
    परीक्षा फौर्म में करेक्शन करने के लिए सब से पहले उम्मीदवारों को आधिकारिक वेबसाइट पर जाना था. होमपेज पर सीएसआईआर नेट दिसंबर 2024 आवेदन सुधार लिंक पर क्लिक करना था. यहां लोगइन कर के और बदलाव करना था. इस के बाद किसी भी तरह के बदलाव को मान्य नहीं किया जाना है. इस का मतलब यह है कि पूरे परीक्षा फौर्म में की गई गलती स्वीकार नहीं थी. केवल चुनी गई जानकारी में ही बदलाव किया जा सकता था.

शरारतन एडमिट कार्ड पर एक्ट्रैस कैटरीना की फोटो

    बिहार के दरभंगा स्थित ललित नारायण मिथिला यूनिवर्सिटी (एलएनएमयू) के कर्मचारियों ने छात्रछात्राओं के एडमिट कार्ड पर नरेंद्र मोदी, क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी, एक्ट्रैस कैटरीना कैफ जैसे लोगों की फोटो छाप दी. जिस के बाद छात्र संगठन यूनिवर्सिटी की गलती बता कर धरना प्रदर्शन और आंदोलन करने लगे. एडमिट कार्ड के लिए छात्रों को अपनी फोटो और जरूरी डिटेल दर्ज करनी होती है. इस के बाद एडमिट कार्ड बनाया जाता है. एडमिट कार्ड औनलाइन जारी किए जाते हैं. शरारतन कुछ एडमिट कार्ड पर फोटो गलत छप गई.
    इस से पहले भी बिहार में एडमिट कार्ड पर ऐक्टर इमरान हाशमी और एक्स पोर्न स्टार सनी लियोनी का नाम छपने का मामला सामने आया था. मुजफ्फरपुर में छात्रों के मातापिता के नाम के सामने इन दोनों फिल्म स्टार का नाम छपा था. औनलाइन फौर्म भरते समय मांगी गई सभी डिटेल पर ध्यान देना चाहिए. किसी साइबर कैफे के भरोसे फौर्म भरने से बचना चाहिए. दलाल के चक्कर में भी उन को नहीं फंसना चाहिए, क्योंकि ऐसी गलती यहीं से फौर्म भरने के दौरान ही होती है.
    जब परीक्षा के फौर्म भरना सरल नहीं होगा छात्रों को साइबर कैफे की मदद लेनी पड़ेगी तो इस तरह की परेषानी संभव है. इस तरह की परेशानियों से बचने का एक ही उपाय है कि फौर्म भरना सरल किया जाए. छात्र खुद से भर सकें. उन के पास अगर कंप्यूटर और लैपटौप न भी हो तो भी वह अपने मोबाइल से फौर्म भर सकें. परीक्षा फौर्म में केवल उतनी ही जानकारी भरने का कहा जाए. जब छात्र परीक्षा पास कर लें और नौकरी देने का समय आए तो उस से सारा विवरण लिया जाए. ऐसे में छात्र परेशानी से बच सकेंगे.

साइन और फोटो की एक गलती से रिजैक्ट होता है फौर्म

    नौकरी के लिए प्रतियोगी परीक्षा देने से पहले परीक्षा फौर्म भरना किसी चुनौती से कम नहीं होता है. यह परीक्षा देने से भी कठिन होता है. जहां एक छोटी सी गलती परीक्षा में बैठने से छात्र को रोक सकती है. परीक्षा फौर्म भरने वाले उम्मीदवारों को अपनी फोटो और साइन अपलोड करने होते हैं. फौर्म भरते समय इस का ध्यान रखना चाहिए कि यह सही तरह से अपलोड हो.  ज्यादातर परीक्षा फौर्म उम्मीदवारों के गलत सिग्नेचर की वजह से रिजैक्ट हो जाते हैं. कई बार हस्ताक्षर का आकार छोटा होता है इस को वेरिफाई करना कठिन हो जाता है. ऐसे में फौर्म रिजैक्ट हो जाता है.
    इस के लिए परीक्षा फौर्म में साइन के लिए दिए गए बौक्स को काट लें और उस में अपने साइन करें. यह भी ध्यान रखें कि साइन बौक्स का कम से कम 80 प्रतिशत हिस्सा भर जाए. वेबसाइट पर सही और गलत साइन के प्रकार दिखाए जाते हैं. साइन हमेशा काले पेन से करें. यह पढ़ने में आसानी से आ जाते हैं. साइन की ही तरह से परीक्षा फौर्म में फोटो लगाते समय भी सावधानी रखनी चाहिए. फौर्म की फोटो हमेशा क्लियर बैकग्राउंड में और अच्छी रोशनी में क्लिक की जानी चाहिए. प्लेन बैकग्राउंड के बिना फोटो, कैप पहने कैंडिडेट्स की फोटो, शर्ट के बिना फोटो, अच्छी तरह से ब्राइट न होना और धुंधली फोटो स्वीकार नहीं होती है.
    हर परीक्षा के अपनेअपने नियम होते हैं. यह इतने कठिन और समय लेने वाले होते हैं कि इन को समझना सरल नहीं होता है. फौर्म भरने की प्रक्रिया औनलाइन होने की वजह से यह और कठिन हो जाती है. कई छात्र ग्रामीण इलाके से आते हैं. उन के लिए यह और कठिन हो जाता है. इस कारण ही सैकड़ों छात्रों के फौर्म रिजैक्ट हो जाते हैं. उन की फीस भी बरबाद हो जाती है.
    परीक्षा फौर्म के जटिल होने से कोचिंग संस्थाओं, फौर्म भरवाने वाले कंप्यूटर सेंटर की चांदी हो जाती है. वह इस के बदले फीस वसूल करते हैं. ऐसे में पूरी व्यवस्था ऐसे हाथों में चली जाती है जो इंटरनैट ऐप्स के जानकार होते हैं. सरकार इन ऐप्स को सुविधा के नाम पर प्रयोग करती है. सचाई यह होती है कि परीक्षा फौर्मों को औनलाइन भरना मुसीबत हो गया है. यह परीक्षा देने से भी कठिन हो गया है

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD48USD10
 
सब्सक्राइब करें

सरिता सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं

  • सरिता मैगजीन का सारा कंटेंट
  • देश विदेश के राजनैतिक मुद्दे
  • 7000 से ज्यादा कहानियां
  • समाजिक समस्याओं पर चोट करते लेख
 

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD100USD79
 
सब्सक्राइब करें

सरिता सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं

  • सरिता मैगजीन का सारा कंटेंट
  • देश विदेश के राजनैतिक मुद्दे
  • 7000 से ज्यादा कहानियां
  • समाजिक समस्याओं पर चोट करते लेख
  • 24 प्रिंट मैगजीन
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...