Health Insurance : स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम में भारतीय बीमा विनियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) सालाना वृद्धि पर नियंत्रण लगाने की तैयारी में है. ऐसे प्रस्ताव का मसौदा प्राधिकरण तैयार कर रहा है. जिस में प्रीमियम में सीमित बढ़ोतरी की अनुमति महंगाई के मुताबिक ही होगी.
इस को ले कर जल्द ही बीमा कंपनियों, पौलिसीधारकों और अन्य हितधारकों से सुझाव मांगे जा सकते हैं. यह देखा गया है कि हर वर्ष 10 फीसदी की दर से बीमा कंपनियां प्रीमियम बढ़ा रही हैं. बीते वर्षों के दौरान कई कंपनियों ने प्रीमियम 30-35 फीसदी से अधिक बढ़ाया है.
राहत नहीं मिल पाती
बीमा पौलिसी जारी होने के 2 वर्ष के बाद अधिकांश कंपनियां सभी बीमारियों का कवरेज प्रदान करती हैं, यही कारण है कि प्रीमियम बढ़ने की स्थिति में भी ग्राहक पौलिसी बंद नहीं करते और कंपनीयां प्रीमियम लगातार बढ़ाती चली जाती है. इस के साथ ही उन ग्राहकों को प्रीमियम में छूट का लाभ भी नहीं दिया जाता है, जिन्होंने कोई दावा पौलिसी लेने के बाद से नहीं किया हो.
यह देखा जा रहा है कि मनमाने तरीके से प्रीमियम बढ़ाने को शिकायतें लगातार बढ़ी है. इस के साथ ही ग्राहकों से पूरा प्रीमियम लेने पर भी कंपनियां समय पर दावा निपटान नहीं करती है. मरीज के इलाज के वक्त पौलिसी बेचने वाली कंपनियों द्वारा भुगतान नहीं किया जा रहा है. वहीं दावे की रकम भी मनमाने तरीके से कम कर दी जाती है और साथ ही मरीजों को चक्कर कटवाए जाते हैं. Health Insurance