पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिले के रंगापानी स्टेशन के करीब सियालदह जाने वाली कंचनजंगा एक्सप्रेस ट्रेन को 17 जून यानी बकरीद के त्योहार की सुबह एक मालगाड़ी ने इतनी जोरदार टक्कर मारी कि एक्सप्रेस ट्रेन के तीन डिब्बे मय यात्री हवा में सीधे खड़े हो गए. कंचनजंगा एक्सप्रेस का इस्तेमाल अक्सर पर्यटक दार्जिलिंग की यात्रा के लिए करते हैं. इसके अलावा ईद के मौके पर बड़ी संख्या में मुस्लिम लोग अपने घरों को लौट रहे थे. वे ईद की खुशियां अपने परिवार और बच्चों संग मनाने के लिए उत्साहित थे. किसे पता था कि ईद का दिन मातम में तब्दील हो जाएगा. इस हादसे में अभी तक 15 लोगों की मौत की सूचना आयी है. हालांकि गंभीर रूप से घायल लोगों को देखते हुए मौत का आंकड़ा बढ़ने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है. 60 से ज्यादा घायलों को अस्पताल पहुंचाया जा चुका है, खबर लिखे जाने तक डिब्बे काटने और लोगों को बाहर निकालने का काम जारी है. इस दुर्घटना में मालगाड़ी के पायलट और सह-पायलट की भी मौत हो गई है. प्रारंभिक रिपोर्टों से पता चलता है कि मालगाड़ी ने पीछे से सिग्नल को अनदेखा करके कंचनजंगा एक्सप्रेस में टक्कर मार दी. जबकि पश्चिम बंगाल में रानीपतरा रेलवे स्टेशन और चत्तर हाट जंक्शन के बीच स्वचालित सिग्नलिंग प्रणाली सुबह 5.50 बजे से ही खराब थी. सुबह 5:50 बजे से स्वचालित सिग्नलिंग प्रणाली के खराब होने के कारण कंचनजंगा एक्सप्रेस रानीपतरा रेलवे स्टेशन और चत्तर हाट के बीच रुक गयी थी मगर सुबह 9 बजे के लगभग उसी पटरी पर पीछे से आ रही मालगाड़ी ने सिग्नल को अनदेखा किया और अपनी पूरी रफ़्तार से आगे खड़ी एक्सप्रेस में जबरदस्त टक्कर दे मारी.

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