Gold Jewellery : भारत में सोना गिरवी रख कर उधार देने वाले साहूकारों, ज्वैलर्स और व्यापारियों के पास इस बाजार की लगभग 65 फीसदी हिस्सेदारी है. जबकि बाकी 35 फीसदी हिस्सेदारी बैंकों और गैरबैंकिंग वित्तीय कंपनियों के बीच है. अपना बिजनैस चलाने के लिए ये सभी महिलाओं के गहनों पर नजर गड़ाते हैं जिन के लिए उन की संपत्ति व सम्मान उन का अपना सोना है.
सोना हमेशा से भारतीय परिवारों के लिए एक भरोसेमंद संपत्ति रही है. भारतीय महिलाओं के लिए तो यह उन की एकमात्र पूंजी होती है. वे उन जेवरों को पीढ़ीदरपीढ़ी सहेजती हैं जो उन के परिवार की निशानी ही नहीं बल्कि जिन से उन का भावनात्मक रिश्ता भी होता है. कोई भी महिला अपने जेवरों को खुद से अलग नहीं करना चाहती. एक अनुमान के अनुसार भारत के घरों में 25 हजार से 30 हजार टन सोना मौजूद है, जिस की अनुमानित कीमत 125 लाख करोड़ रुपए से अधिक है. महिलाओं के इस सोने पर सरकार की ही नहीं बल्कि बैंकों व तमाम छोटीबड़ी सरकारी गैरसरकारी वित्तीय संस्थानों की भी गिद्ध नजरें जमी हैं.
वे किसी भी तरह देश की औरतों की अलमारियों, संदूकों और तिजोरियों से उन के बेशकीमती जेवर निकलवाना चाहती हैं, क्योंकि जिस तरह हर दिन सोने के दाम बढ़ रहे हैं, व्यवसायियों को इस में बहुत बड़ा बाजार और बहुत बड़ा मुनाफा नजर आ रहा है.
एक रिपोर्ट के अनुसार, गोल्ड लोन बाजार का आकार कोई 18 लाख करोड़ रुपए का है, जिस की 15-20 फीसदी वार्षिक वृद्धि दर से बढ़ने की उम्मीद है. इसीलिए आजकल गोल्ड लोन को तत्काल ऋण के लिए सब से अच्छे विकल्प के तौर पर विभिन्न माध्यमों से प्रचारित किया जा रहा है.
आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें
डिजिटल

सरिता सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं
- सरिता मैगजीन का सारा कंटेंट
- देश विदेश के राजनैतिक मुद्दे
- 7000 से ज्यादा कहानियां
- समाजिक समस्याओं पर चोट करते लेख
डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

सरिता सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं
- सरिता मैगजीन का सारा कंटेंट
- देश विदेश के राजनैतिक मुद्दे
- 7000 से ज्यादा कहानियां
- समाजिक समस्याओं पर चोट करते लेख
- 24 प्रिंट मैगजीन