लखनऊ की मेयर संयुक्ता भाटिया सुबह 8 बजे से 11 बजे तक अपने आवास पर लखनऊ की जनता से मिलती हैं. लोगों की जो भी परेशानियां होती हैं उन के संबंध में संबंधित अधिकारियों को फोन या पत्र लिख कर बताती हैं. ज्यादातर परेशानी जलभराव, सीवर, सफाई, कोई पशु सड़क पर मर जाए आदि की शिकायतें रहती हैं. इस के अलावा घर का किराया, नाम का बदलना, महल्ले की सड़क, नाली और खडंजा ठीक कराने की भी शिकायतें रहती हैं.
लखनऊ में 110 वार्ड हैं. 10 नगर पंचायत हैं. इन की परेशानियों को ले कर जनता मेयर से मिलती है. इस की सब से बड़ी वजह यह है कि मेयर आसानी से मिल जाती हैं. लखनऊ मेयर के रूप में संयुक्ता भाटिया का कार्यकाल पूरा हो चुका है. अभी नए चुनाव नहीं हुए हैं.
संयुक्ता भाटिया ने ग्रेजुएट तक अपनी पढ़ाई की है. इन के पति सतीश भाटिया विधायक रहे. उन की असमय मृत्यु के बाद संयुक्ता भाटिया ने उन के दवा के बिजनैस को संभाला. इस के साथ ही साथ वे राजनीति में सक्रिय भी रहीं. राजनीति के साथ बिजनैस और घरपरिवार संभालते हुए वे जनता की सेवा कर रही थीं. 2017 के निकाय चुनाव में वे लखनऊ नगर निगम के लिए मेयर का चुनाव लड़ीं. उत्तर प्रदेश में मेयर का चुनाव सीधे जनता करती है.
संयुक्ता भाटिया पहली महिला मेयर के रूप में चुनाव जीतीं. उन के घर में बेटाबहू और पोतापोतिया हैं. 65 साल की उम्र में जब वे मेयर बनीं तो भी बेहद सक्रिय रहती थीं. वे कार्यक्रम में ठीक समय पर पहुंच जाती थीं. उन का हेयरकट स्टाइलिश है. वे साड़ी पहनती हैं. उन की कौटन की साड़ी के रंगों का चुनाव बेहद आकर्षक होता है. इस में उन की बहू मदद करती है. वे मधुर स्वभाव की हैं. 65 साल की उम्र में उन की इतनी सक्रियता लोगों के लिए मिसाल है.
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