देशभर में गरमी अपना प्रचंड रूप दिखा रही है. दिल्ली में पारा 50 डिग्री से ऊपर चला गया है. गरमी का यह रौद्र रूप कभी राजस्थान में दिखता था, लेकिन अब उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा सभी राज्य तेज धूप और लू की चपेट में हैं. इस कारण अस्पतालों में डिहाइड्रेशन और चक्कर व बेहोशी के मरीज अचानक बढ़ गए हैं.
हालांकि मई के आखिरी हफ्ते से जून के पहले हफ्ते तक प्रचंड धूप और लू का सामना हम हर साल करते हैं. आम भाषा में इन नौ-दस दिनों की तेज गरमी को नौतपा कहा जाता है. यानी नौ दिन जिस में गरमी अपना रौद्र रूप दिखाती है. आम धारणा है कि नौतपा जितना तपाएगा, बारिश उतनी ही ज्यादा होगी. ये नौ दिन खेतीबाड़ी के लिहाज से बहुत ख़ास होते हैं. मई के तीसरे हफ्ते से जून के पहले हफ्ते तक करीब 15 दिन देश में भयानक हीटवेव चलती है. इसे हौट वेदर सीजन कहते हैं.
इस साल नौतपा की शुरुआत 25 मई से मानी गई है जो 2 जून तक चलेगा. इस के कारण कई जगहों पर तापमान 50 डिग्री से 55 डिग्री सैल्सियस तक पहुंच जाएगा. सूर्य की गरमी के कारण समुद्र और नदियों का जल वाष्प बन कर उड़ता है और यही वाष्प बादल का रूप लेते हैं. मान्यता है कि अगर नौतपा पूरे समय तपेगा तो बारिश अच्छी होती है. नौतपा के आखिरी 2 दिनों के भीतर आंधी, तूफान व बारिश की संभावना बनी रहती है. तापमान बढ़ने की असली वजह यह है कि मई में हमारा देश सूरज की तरफ सीधे होता है. सूर्य ऊपर की तरफ बढ़ता है. इस से तापमान में बढ़ोतरी होती है. जिस तरह गरमी में नौतपा शब्द का इस्तेमाल होता है वैसे ही सर्दी में कश्मीर में चिल्लई कलां का इस्तेमाल किया जाता है. यानी, भयानक सर्दी के 40 दिन.
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