इस बार भी अधूरी तैयारियों के साथ एनसीआर में GRAP को लागू करना पड़ा है. अभी नोएडा, गुरुग्राम जैसे शहरों में भी डीजल सेट को बंद करने के लिए सरकारें तैयार नहीं है, जिसकी वजह से इस नियम से उन्हें छूट दी गई है. इस पर पर्यावरणविद् सवाल उठा रहे हैं. उनका कहना है कि अगर प्रदूषण से सख्ती से निपटना है, तो दिल्ली के आसपास तो नियमों को सख्ती से लागू करने की जरूरत है.

डीजल सेट पर रोक की बात पर सेफ (सोशल एक्शन फॉर फारेस्ट एंड एनवायरमेंट) के फाउंडर विक्रांत तोंगड ने कहा कि अभी तो GRAP दिल्ली में ही ठीक से लागू नहीं हो पा रहा है. गुरुग्राम और नोएडा जैसे शहर इसे लागू नहीं कर पा रहे हैं, जो भिवाड़ी, ग्रेटर नोएडा, मेवात जैसे एनसीआर के अन्य इलाकों का हाल तो काफी बुरा है. सिर्फ दिल्ली में डीजी सेट पर रोक से बात नहीं बनेगी, जबकि दिल्ली से काफी अधिक डीजी सेट एनसीआर खासतौर पर नोएडा और गुरुग्राम में इस्तेमाल हो रहे हैं. दूसरे साल में भी इन शहरों में बिजली की व्यवस्था नहीं हो सकी है.

वहीं दूसरी तरह अभी बड़ी संख्या में रामलीलाओं के दौरान डीजी सेट का प्रयोग हो रहा है. दुर्गा पूजा में भी डीजी सेट चल रहे हैं. ऐसे में देखना यह होगा कि सोमवार से यहां लगे डीजी सेट बंद होंगे या इन पर क्या एक्शन लिया जाता है. पिछले साल भी डीजी सेट बैन के बावजूद कहीं जगहों पर चलते रहे. कुछ जगहों पर इन पर कार्रवाई भी की गई. हालांकि डिस्कॉम कंपनियों ने दावा किया है कि वह बिजली के अस्थाई कनेक्शन लोगों को 24 से 30 घंटे में उपलब्ध करवा देंगी. इसके अलावा नवंबर में शादियां शुरू होने पर डीजी सेट की डिमांड बढ़ेगी.

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