पंजाब के बठिंडा जिले के कोटफत्ता का एक इलाका है वड्डा खूह (बड़ा कुआं) यहीं के वार्ड नंबर- 3 के एक घर में 8 मार्च, 2017 को शाम करीब 5 बजे बड़ा ही भयावह और दिल दहला देने वाला मंजर था. मंजर भी ऐसा, जिसे देख कर पत्थरदिल इंसान की भी आत्मा कांप उठे. घर के एक कमरे का दृश्य बड़ा ही रहस्यमय और डरावना था. उस समय उस कमरे में कई लोग थे, उन के अलावा वहां पर 2 मासूम बच्चे भी बैठे थे. कमरे के बीचोंबीच एक धूना (हवनकुंड) था, जिस में आग जल रही थी. कमरे के दरवाजे और खिड़कियां सब बंद थे.
एक अधेड़ औरत जिस की उम्र करीब 55 साल थी, वह हवनकुंड के पास की एक गद्दी पर बैठी थी. वह शायद अंदर बैठे लोगों की मुखिया थी. वह औरत अपने सिर को इधरउधर झुलाते हुए जोरजोर से कोई मंत्र पढ़ कर उस हवनकुंड में सामग्री डाल रही थी. वहां मौजूद अन्य लोग भी उस का अनुसरण करते हुए मंत्रों के साथ धूने में हवन सामग्री डाल रहे थे. इस क्रिया के बीचबीच में वह औरत जोरजोर से ऊपर की ओर देखते हुए अट्टहास करने लगती.
उस के पास बैठा लगभग 30 वर्षीय पुरुष भी अपनी गरदन ऊंची कर के अपने मुंह से जोरजोर से सांप के फुफकारने जैसी शू..शू.. की आवाज निकालता.
धूनी में एक चिमटा रखा हुआ था जो आग से काफी गरम हो गया था. वह अधेड़ उम्र की महिला इस क्रिया के बीचबीच में उस गरम चिमटे से वहां बैठे 2 मासूम बच्चों को मारने लगती थी. उन दोनों बच्चों में एक की उम्र 5 साल और दूसरे की करीब 2 साल थी. गरम चिमटा लगते ही दोनों बच्चे पीड़ा से बिलबिला उठते थे.
आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें
डिजिटल
सरिता सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं
- सरिता मैगजीन का सारा कंटेंट
- देश विदेश के राजनैतिक मुद्दे
- 7000 से ज्यादा कहानियां
- समाजिक समस्याओं पर चोट करते लेख
डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन
सरिता सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं
- सरिता मैगजीन का सारा कंटेंट
- देश विदेश के राजनैतिक मुद्दे
- 7000 से ज्यादा कहानियां
- समाजिक समस्याओं पर चोट करते लेख
- 24 प्रिंट मैगजीन





