हर जरूरी स्किल क्लासरूम में नहीं सिखाई जाती. कुछ स्किल्स जिंदगी से भी सीखी जाती हैं. इन्हीं स्किल्स से कैरियर की नींव तैयार होती है. अगर आप के पास इन स्किल्स का अभाव है, तो आप की प्रोफैशनल ग्रोथ में परेशानी हो सकती है. आइए जानते हैं इन स्किल्स के बारे में :

निर्णय लेना : हमें हर समय कोई न कोई निर्णय लेना पड़ता है. गलत निर्णय लेने से कैरियर खराब हो सकता है. क्या आप जानते हैं कि अच्छा निर्णय किस तरह से लिया जाए? खुद से 3 सवाल पूछें : क्या इस से आप के कैरियर के लक्ष्य की तरफ कदम बढें़गे? क्या इस से आप की प्रोफाइल मजबूत होगी? क्या इस से आप की ग्रोथ के मौके पैदा होंगे? अब अपने निर्णय की कीमत और इस से कंपनी, टीम व आप को होने वाले फायदों के बारे में विचार करें.

खुद को प्रमोट करना : अगर आप खुद का प्रमोशन नहीं करेंगे, तो इस काम को आप के बदले कोई भी नहीं करेगा. अपने बौस, टीम और कंपनी के सामने खुद को प्रमोट करने के लिए आप को खुद प्रयास करने चाहिए. इस बात को सीखें कि बेहतर सीवी किस तरह से बनाएं. छोटी बातचीत में अपनी खूबियों के बारे में बताना सीखें. आप ने अच्छे काम किए हैं, तो उन के बारे में लोगों को बताने से न चूकें.

बिजनैस को समझना : बिजनैस का लक्ष्य होता है, लाभ कमाना. क्या आप को पता है कि रेवन्यू कहां से आता है? कस्टमर आप की फर्म से क्यों जुड़े हैं? आप की फर्म के बड़े खर्चे क्या हैं? क्या आप कंपनी की कौस्ट कम करने या रेवन्यू बढ़ाने में मदद करते हैं? इन के  जवाब खोजने से खुद का महत्त्व पता लगेगा.

ध्यान से सुनना : प्रोफैशनल की सब से बड़ी गलती होती है कि वे सही तरह से सुनने की कला नहीं जानते. इस से कम्युनिकेशन स्किल्स अधूरी रहती है. सुनने के लिए पूरी तरह उस के शब्दों के चयन, आवाज की टोन और बौडी लैंग्वेज पर गौर करना पड़ता है. स्पीकर के पूरे मैसेज के साथ अनकही बात को भी समझना पड़ता है.

कनैक्शन बनाना :  आप वर्कप्लेस पर लोगों से कट कर नहीं रह सकते. अपनी कोर स्किल्स के बल पर आप हर लक्ष्य हासिल नहीं कर सकते, अगर लोग आप के साथ काम करना पसंद नहीं करते, मदद नहीं करते और वे आप से नहीं जुड़ते तो परेशानी हो सकती है.

समय निकालना : सफल लोग ज्यादा काम करते हैं, इसलिए बड़ी सफलता हासिल करते हैं. आम लोग अपने टारगेट्स पूरा करने के लिए ही ओवरटाइम करते हैं. सफल लोग अपने रूटीन में से समय निकालना जानते हैं. समय को वे सीखने या ज्यादा अनुभव प्राप्त करने में खर्च करते हैं. समय बचाने के लिए दिन के खास काम पहले करें. कठिन कार्य दैनिक रूटीन में शामिल करें. डैडलाइंस सैट करें. मल्टीटास्किंग के चक्कर में काम की क्वालिटी से समझौता न करें. काम के दौरान आने वाली बाधाओं से दूर रहने का प्रयास करें. दिन में एक घंटे का समय सोचने, प्रशिक्षण लेने और खुद के विकास के लिए निकालें. खुद के लिए समय नहीं निकालेंगे तो परेशान रहेंगे.

ऐसे न बनें

गुस्से वाला : भले ही आप समझदार हों, लेकिन यदि बातबात पर गुस्सा करते हैं, तो बात बिगड़ सकती है.

कठिनाई से बचने वाला : भले ही आप काबिल हों, पर समस्या के दौरान यदि भागने की कोशिश करते हैं तो इस से कैरियर में दिक्कत आ सकती है.

ज्यादा काम लेने वाला : क्षमता से ज्यादा जिम्मेदारियां लेने वाला व्यक्ति प्रमोशन के बजाय विफलता को न्योता देता है, इसलिए अपनी क्षमताएं पहचानें.

ज्यादा क्रैडिट लेने वाला : अपनी टीम को क्रैडिट देने के बजाय सारा श्रेय खुद लेने वाले व्यक्ति के बारे में देरसवेर सब को पता लग जाता है. इस से उसे कैरियर में नुकसान होता है.

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