शेफाली के बौयफ्रैंड ने उस के दिमाग पर इस तरह काबू कर लिया था कि वह हर काम उस के कहे अनुसार करती. उस ने उसे इतना मजबूर कर दिया था कि उस की सोचनेसमझने और फैसला लेने की शक्ति खत्म हो चुकी थी. वह उसे हमेशा कहता था, "तुम फूहड़ हो, तुम्हारी ड्रेसिंग सेंस कितनी खराब है," जिस से उस का आत्मविश्वास लगातार गिरता जा रहा था.
शेफाली पूरी तरह यह मान बैठी थी कि वह किसी लायक नहीं है, उस में ढेरों कमियां हैं, और वह किसी काम को सही तरीके से करने लायक नहीं है. वह खुद से नफरत करने लगी, खुद पर अपना नियंत्रण खोने लगी, और जीवन से निराश हो कर उस के दिमाग में सुसाइड के ख्याल आने लगे.
कहीं आप को तो नहीं गैसलाइटिंग
"तुम किसी काम के नहीं हो... तुम्हारे और मेरे भाई को देखो... उन्होंने नई गाड़ी और नया घर ले लिया है, और तुम अभी भी वही पुरानी गाड़ी ले कर घूम रहे हो."
"तुम अभी भी क्लर्क की पोजीशन पर हो, और देखो तुम्हारे साथ के दोस्त मैनेजर बन गए हैं."
"तुम कुछ भूल रहे हो, तुम ने ऐसा नहीं कहा था, तुम्हें ठीक से याद नहीं."
"वह मुझ पर चिल्लाता था और मुझ से कहता था कि मैं पागल हूं और छोटीछोटी बातों पर जरूरत से ज्यादा प्रतिक्रिया देती हूं, ड्रामा करती हूं."
गैसलाइटिंग में सामने वाला आप को महसूस कराता है कि आप बहुत इमोशनल हैं. वह आप की पर्सनैलिटी को ले कर कुछ भी उल्टासीधा कहता है, फिर आप को ब्लेम करता है कि आप तो मजाक भी नहीं समझतीं.