Adoption Law: बच्चों की खरीदफरोख्त चरम पर पहुंच गई है जबकि देश में गोद लेने की प्रक्रिया काफी जटिल और कठिन कर दी गई है. इच्छुक मातापिता कानूनी रास्ता छोड़ अवैध तरीके अपनाने को मजबूर हैं. आज हर 8 मिनट में एक बच्चा लापता हो रहा है. एक ऐसी व्यवस्था बने जो न केवल बच्चों को सुरक्षित परिवार दे बल्कि उन को गलत हाथों में जाने से भी रोके. इस लेख में पढि़ए उन छिपे व अनसुलझे सवालों की पड़ताल जो हर निसंतान परिवार के जेहन में चलते रहते हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने एक अखबार में प्रकाशित एक खबर पर खासी चिंता व्यक्त की, जिस के मुताबिक देश में हर 8 मिनट में एक बच्चा लापता हो रहा है. सुप्रीम कोर्ट ने इसे गोद लेने की प्रक्रिया से जोड़ा और कहा कि भारत में बच्चा गोद लेने की सरकारी प्रक्रिया इतनी उलझाऊ और कठोर है कि इस का उल्लंघन होना स्वाभाविक है. लोग जल्दी से जल्दी बच्चा पाने के लिए अवैध तरीके अपनाते हैं.
जस्टिस बी वी नागरत्ना और आर महादेवन की पीठ ने केंद्र सरकार से बच्चा गोद लेने की प्रक्रिया को सरल और सुव्यवस्थित करने के लिए कहा है लेकिन सरकारी मशीनरी इस पर अमल करेगी, इस में संदेह है. कठिन प्रक्रिया से बहुतों को पैसा मिलता है जिसे वे हाथ से जाने नहीं देंगे.
एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में अनुमानतया हर वर्ष 96 हजार बच्चे लापता हो जाते हैं. दिल्ली पुलिस के रिकौर्ड के अनुसार बीते 10 सालों में सिर्फ दिल्ली से ही 1.8 लाख बच्चे गायब हो चुके हैं. इस के अलावा वर्तमान में भारत में लगभग 3 करोड़ बच्चे अनाथ हैं, जिन के मातापिता नहीं हैं. इन में से केवल 5 लाख बच्चे ही अनाथालयों जैसी संस्थागत सुविधाओं तक पहुंच सके हैं.
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