आगरा, 14 फरवरी, 2022 आगरा में वैलेंटाइन डे पर छात्राओं से अभद्रता. हिंदूवादी संगठनों ने पार्कों में पकडे लड़केलड़कियां, वीडियो बनाए. मोहब्बत की नगरी आगरा में वैलेंटाइन डे पर कुछ संगठनों के कार्यकर्ताओं ने पार्कों में छात्रछात्राओं को पकड़ लिया. उन के साथ अभद्रता की गई. राष्ट्रीय बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने दोपहर को शहर के पालीवाल पार्क में लड़केलड़कियों को पकड़ लिया. उन के बैगों की तलाशी भी ली गई, बाद में पुलिस भी पहुंच गई.

छात्राओं के घर वालों से फोन पर बात की, इस के बाद जाने दिया. इन संगठनों के कार्यकर्ताओं ने रामबाग, महताब बाग और अन्य पार्कों में प्रेमी जोड़ों की जम कर खबर ली. उन के वीडियो बना कर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिए. पालीवाल पार्क में कार्यकर्ताओं ने छात्रछात्राओं को भारतीय संस्कृति का पाठ भी पढ़ाया. इस के बाद पार्कों में प्रेमी जोड़ों की संख्या कम हो गई. कन्नौज, 14 फरवरी, 2022 वैलेंटाइन डे पर शहर के लोहिया पार्क में चहलपहल दिखाई दे रही थी. कई प्रेमी जोड़े सुबह से ही पार्क गए थे. उन्होंने गुनगुनी धूप में हरी घास पर बैठ कर अपने प्रेम का इजहार किया.

उसी समय बजरंग दल के कार्यकर्ता वंदेमातरम तथा भारत माता की जय के नारे लगाते पहुंच गए तो प्रेमी जोड़े वहां से चुपचाप खिसक लिए. इसी तरह शहर के बाबा गौरी शंकर मंदिर में बने पार्क में भी कई प्रेमी जोड़े पहुंचे लेकिन वहां मंदिर प्रशासन ने पार्क बंद करवा दिया. भोपाल, 13 फरवरी, 2022 वैलेंटाइन डे पर प्रेमी जोड़ों के प्यार पर शिवसेना का पहरा रहा. नूतन कालेज स्थित शिव मंदिर पर शिवसेना कार्यकर्ताओं ने प्रेमी जोड़ों को सबक सिखाने के लिए कालिका शक्तिपीठ मंदिर में डंडों की पूजा की और चेतावनी दी कि अगर कोई पार्क में कुछ करते दिखे बेबी, बाबू और शोना तो तोड़ देंगे शरीर का कोनाकोना. शिवसेना कार्यकर्ताओं ने यह भी कहा कि वैलेंटाइन डे के दिन हम पंडितजी, बैंड और घोड़ी साथ में ले कर चलेंगे. इस दौरान प्रेमी जोड़े कहीं भी अश्लीलता करते हुए पकड़े गए तो हम वहीं पर उन की शादी करा देंगे.

भोपाल में शिवसेना ने पब, रैस्टोरैंट और होटल संचालकों को भी चेतावनी देते कहा है कि वे वैलेंटाइन डे पर कोई आयोजन न करें. मुजफ्फरपुर, 14 फरवरी, 2022 वैलेंटाइन डे के मौके पर बिहार के मुजफ्फरपुर के मिठनपुरा इलाके के एक मौल में कुछ लोगों द्वारा एक प्रेमी जोड़े के साथ मारपीट करने का मामला सामने आया. रिपोर्ट के मुताबिक, कुछ शरारती तत्त्व वैलेंटाइन डे का विरोध कर रहे थे. उन्होंने फूड कोर्ट पहुंच कर जोड़े को वहां से भगाने की कोशिश की. उसी दौरान विवाद हो गया जिस के बाद उन्होंने प्रेमी जोड़े की पिटाई कर दी. होटल के जीएम संजय कुमार ने बताया कि अचानक बजरंग दल के 8-10 कार्यकर्ता नारेबाजी करते हुए होटल के अंदर आ गए और ग्राहकों से हाथापाई करने लगे.

ग्वालियर, 14 फरवरी, 2022 चिडि़याघर में वैलेंटाइन डे पर घूमने आए प्रेमी युगलों पर वैलेंटाइन डे विरोधियों का कहर टूट पड़ा. इन लोगों ने चिडि़याघर में न केवल उत्पात किया बल्कि जो भी जोड़े मिले उन से मारपीट व अभद्रता भी की. काफी देर तक हंगामा होता रहा. बाद में पुलिस व चिडि़याघर प्रबंधन सक्रिय हुआ. लेकिन उपद्रव की खबर फैलते ही बाद में प्रेमी जोड़े नहीं आए. पिछले साल के ये चंद उदाहरण बताते हैं कि इस साल भी यही सबकुछ होगा बल्कि और ज्यादा हिंसक भी होने का डर है क्योंकि भगवाइयों की तूती इन दिनों देशभर में बोल रही है. प्यार के इन दुश्मनों को वैलेंटाइन डे का इंतजार अब प्रेमी जोड़ों से ज्यादा रहता है.

वजह, इस दिन इन्हें धर्म और संस्कृति की आड़ में दहशत फैलाने व खुलेआम गुंडागर्दी करने का लाइसैंस मिल जाता है. कौन हैं ये लोग इन हुड़दंगियों को हर कोई जानता है कि ये लोग बजरंग दल, शिवसेना, विश्व हिंदू परिषद और दूसरे छोटेबड़े कट्टरवादी हिंदूवादी संगठनों के कार्यकर्ता होते हैं. गले में ?ालता भगवा गमछा, माथे पर लंबा तिलक, भगवा लिबास और जबां पर हरहर महादेव व जय श्रीराम के नारे इन की दूसरी पहचान है. वैलेंटाइन डे के दिन इन के हाथों में तेलपिलाई लाठियां होती हैं जिन की पूजा ये किसी न किसी मंदिर में कर प्यार करने वालों को सबक सिखाने के लिए निकल पड़ते हैं. शिकारियों की तरह ये उन्मादी, जिन में युवा ज्यादा होते हैं, पार्कों, होटलों, पबों, बीच और हर उस जगह गश्त लगाते और गुंडागर्दी करते नजर आते हैं, जहां प्रेमी अपने प्यार का इजहार कर सकते हों.

दहशत फैलाना है मकसद भगवा गैंग के इस यूथ विंग का मकसद दहशत बनाए रखना होता है जिस से लोग इन के खोखले उसूलों व इशारों पर नाचते रहें. लोगों को डराधमका कर ये और इन के धार्मिक आका तरहतरह से आम और खास लोगों से पैसा वसूलने के उपाय रचते रहते हैं. इस बाबत वैलेंटाइन डे इन के लिए मुफीद साबित होता है. युवा पीढ़ी इन के मुताबिक चलेगी तो इन के धर्मगुरुओं और राजनीतिक आकाओं का हिंदू राष्ट्र का एजेंडा भी पूरा होता है. सनातन धर्म प्यार और प्यार करने वालों का कितना बड़ा दुश्मन है, यह हर साल 14 फरवरी को साबित होता रहता है. आमतौर पर अर्धशिक्षित ये लोग फुरसतिए होते हैं जो संगठित हो कर प्यार करने वालों को डराते रहते हैं. पुलिस प्रशासन और राजनेता तो रहते ही हैं साथ ही, खासतौर से लड़कियों के रूढि़वादी पेरैंट्स का भी अप्रत्यक्ष सपोर्ट इन्हें मिला रहता है, इसलिए ये लोग वैलेंटाइन डे पर लाठियों को तेल पिला कर उन की पूजा भी करते हैं. युवतियों पर ज्यादा कहर शूद्र और मुसलमानों से भी पहले इन के निशाने पर युवतियां होती हैं.

वह महज इसलिए कि इन की और इन के धर्म की नजर में उन्हें प्यार करने का हक नहीं है. सनातन धर्म महिलाओं का कितना बड़ा दुश्मन और शोषक है, यह उन के मनुस्मृति सहित तमाम धर्मग्रंथों में इफरात से लिखा है कि महिलाओं को कब क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए. अगर लड़कियां अपनी मरजी से प्यार करें तो ये कानून और संविधान तो वैसे भी ताक में रखते ही हैं फिर व्यक्तिगत स्वतंत्रता तो दूर की बात है. वैलेंटाइन डे पर लड़कियां अपने प्यार का इजहार कर कोई गुनाह नहीं करतीं लेकिन चूंकि हिंदू धर्म की निगाह में औरतों की आजादी और इच्छा के कोई माने नहीं, इसलिए ये लोग जल्लाद बन कर उन्हें सजा देने को निकल पड़ते हैं.

इन दिनों देशभर में लव जिहाद को ले कर आएदिन हल्ला मचता रहता है. अगर कोई हिंदू लड़की मुसलमान लड़के से प्यार करे तो इन का धर्म और संस्कृति खतरे में पड़ जाता है, लेकिन अफसोस तो इस बात का है कि ये हिंदू लड़की को हिंदू लड़के से भी प्यार करने का हक नहीं देते. वैलेंटाइन के दिन पकड़े गए अधिकतर कपल्स हिंदू ही होते हैं. दरअसल इन के दिमागों में जातिवाद भी तबीयत से ठुंसा पड़ा है. ये लोग नहीं चाहते कि इंटरकास्ट मैरिज हो क्योंकि धर्म इस की इजाजत नहीं देता. अगर इंटरकास्ट मैरिज आम हो जाएंगी तो युवाओं के दिलोदिमाग से धार्मिक पाखंड और इन का खौफ खत्म हो जाएगा और फिर इन की दुकानें खतरे में पड़ जाएंगी.

अपनी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कई बार भाजपा और आरएसएस को निशाने पर लेते हुए जिस नफरत का जिक्र किया वह इसी, मनुवादी कह लें या जातिवादी, मानसिकता को ले कर था. प्यार ?ाकता नहीं तमाम हथकंडों के बाद भी अच्छी बात यह है कि प्रेमी इन के सामने ?ाक नहीं रहे. ये लोग कितनी ही मनमानी और गुंडागर्दी कर लें, वैलेंटाइन डे हर साल और जोरशोर से मनता है. वजह साफ है कि वह प्यार ही है जो लोगों को जोड़ता है, उन्हें जीने का सलीका और अनुशासन सिखाता है, एनर्जी देता है और एकदूसरे को जोड़े रखता है फिर चाहे वे सरहदें ही क्यों न हों.

कई हिंदी फिल्मों में आखिर में प्यार को जीतते इसीलिए दिखाया गया है कि यह वाकई एक पाक एहसास और जज्बा है जिस में जाति, धर्म, अमीरीगरीबी और दीगर फैक्टर्स के कोई माने नहीं होते. इस के बाद भी वैलेंटाइन डे पर भगवा कहर प्रेमियों पर टूटता रहता है तो यह एक खास तरह की साजिश आतंक फैलाए रखने की है जो बहुत ज्यादा दिनों तक चलेगी, ऐसा कहने व सोचने की कोई वजह नहीं क्योंकि प्रेमियों के लिए तो प्यार से बड़ा कोई धर्म होता नहीं.

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