Ujjain : उज्जैन के महाकाल मन्दिर दर्शन घोटाले की ऍफ़आईआर अभी दर्ज ही हो रही थी कि नई सनसनी वृन्दावन के इस्कान मन्दिर से आई कि यहाँ भी एक सेवादार करोड़ों का चूना लगाकर भाग गया. ऐसी खबरें हर उस मन्दिर से आए दिन आती रहती हैं जहाँ भक्तों की भीड़ उमड़ती है जाहिर है यह भीड़ भगवान को पैसा चढ़ाने ही आती है जिसे मन्दिर के ही सेवादार झटक लें तो हैरानी किस बात की.

उज्जैन के महाकाल मन्दिर में 15 दिसम्बर 2024 तक 165.82 करोड़ रु से भी ज्यादा का चढ़ावा आया था लेकिन यह 2023 के मुकाबले कोई 18.16 करोड़ रु कम था. इसका यह मतलब नहीं कि भक्तों और श्रद्धालुओं ने कोई कंजूसी (असल में समझदारी) अपनी तरफ से दिखाई थी बल्कि हकीकत यह है कि यहाँ के सेवादारों और जिम्मेदार लोगों ने ही भगवान के हिस्से के करोड़ों रु को अपना समझते घालमेल कर दिया था. साल भर के इस चढ़ावे की गिनती के 10 दिन बाद ही खबर आई थी कि दूसरे छोटे बड़े मन्दिरों की तरह महाकाल मन्दिर भी घोटालों से अछूता नहीं है.
क्या है यह अदभुद महाकाल घोटाला, कौन हैं ये घोटालेबाज और कैसे उन्होंने एन भगवान की नाक के नीचे से उन्हें ही करोड़ों का चूना लगा दिया , इस गोरखधंधे (असल में धंधे) को समझने से पहले यह समझना जरुरी है कि जब से इस मंदिर में महाकाल लोक बना है तब से चढ़ावे में भी रिकार्ड बढ़ोतरी हो रही है जो कि इस मन्दिर को चमकाने का असल मकसद सनातनियों का था . भाजपा सरकार ने करोड़ों अरबो रु लगाकर इस मन्दिर को भव्य रूप दिया और उसका प्रचार भी जमकर किया तो देश के कोने से लोग उज्जैन आने लगे.

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