Sexual Problem : मैं प्राइवेट सैक्टर में जौब करता हूं, 30 साल का हो गया हूं. घर में पेरैंट्स शादी करने के लिए दबाव डाल रहे हैं. मुझे कभी किसी लड़की में दिलचस्पी नहीं रही. 2 साल पहले औफिस के पुरुष कलीग से बहुत गहरी दोस्ती हो गई थी. इस बात से मैं इतना परेशान हो गया कि नौकरी ही बदल ली. मैं शादी कर के किसी लड़की की जिंदगी बरबाद नहीं करना चाहता. मैं पेरैंट्स का इकलौता बेटा हूं. उन के प्रति भी मेरी जिम्मेदारियां हैं. इन सब परेशानियों की वजह से मेरा कैरियर प्रभावित हो रहा है. कृपया मेरी उल झन को सुल झाएं.
जवाब : आप की बात को ध्यान से पढ़ने व समझने के बाद यह साफ हुआ कि आप एक गहरे भावनात्मक और मानसिक द्वंद्व से गुजर रहे हैं. यह बहुत बड़ी बात है कि आप अपनी भावनाओं को खुलेपन से व्यक्त कर रहे हैं. सैक्सुअलिटी को ले कर कन्फ्यूजन होना असामान्य बात नहीं है खासकर तब जब समाज और परिवार की अपेक्षाएं हम पर हावी हो जाती हैं. आप ने बताया कि आप को कभी किसी लड़की में दिलचस्पी नहीं रही और एक पुरुष मित्र के साथ आप की गहरी दोस्ती हुई, जिस ने आप को परेशान कर दिया. यह संकेत हो सकता है कि आप की सैक्सुअलिटी ‘होमोसैक्सुअल’ (समलैंगिक) हो.
यह आत्मस्वीकृति का सफर धीरेधीरे और अपने समय पर होता है. खुद से सवाल करें कि आप सचमुच क्या चाहते हैं. बिना किसी दबाव के, सिर्फ अपने दिल की सुनें. दूसरी ओर, मातापिता का शादी के लिए दबाव डालना भारतीय परिवारों में आम है, खासकर जब आप उन की इकलौती संतान हैं.
शादी कर के किसी की जिंदगी बरबाद न करने की आप की सोच का मतलब है कि आप न सिर्फ अपने बारे में, बल्कि दूसरों के बारे में भी सोचते हैं. कुछ सु झाव जो आप की मदद कर सकते हैं. अपनी सैक्सुअलिटी को सम झने के लिए जल्दबाजी न करें. यह एक निजी यात्रा है और इस में आत्मचिंतन की जरूरत होती है. अगर संभव हो तो किसी भरोसेमंद दोस्त या काउंसलर से बात करें, जो आप को बिना जज किए सुन सके.
अपने मातापिता से खुल कर बात करें. यह मुश्किल हो सकता है, लेकिन उन्हें बताएं कि आप अभी शादी के लिए तैयार नहीं हैं. आप को अपनी सैक्सुअलिटी के बारे में पूरी बात बताने की जरूरत नहीं है, अगर आप सहज नहीं हैं. बस, इतना कहें कि आप अपने कैरियर और जिंदगी को ले कर कुछ और समय चाहते हैं. धीरेधीरे उन्हें अपनी सोच के लिए तैयार करें.
अगर आप को लगता है कि आप पुरुषों की ओर आकर्षित हैं तो इस में शर्मिंदगी या ग्लानि की कोई बात नहीं है.
आप अकेले नहीं हैं, दुनिया में लाखों लोग हैं जो समलैंगिक हैं और सुखी, सफल जिंदगी जी रहे हैं. भारत में परिवार और समाज अभी भी समलैंगिकता को ले कर बहुत जागरूक नहीं हैं. लेकिन समय के साथ चीजें बदल रही हैं. 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने धारा 377 को हटा कर समलैंगिक संबंधों को कानूनी मान्यता दी. इस का मतलब है कि आप के पास अपनी जिंदगी अपने तरीके से जीने का हक है.
भविष्य में अगर आप चाहें तो ऐसा साथी ढूंढ़ सकते हैं जो आप को सम झे और जिस के साथ आप सुखी रहें या अगर आप अकेले रहना पसंद करें तो भी आप अपनी जिंदगी को अपने शौक, दोस्ती और लक्ष्यों से भरपूर बना सकते हैं.
अपनी समस्याओं को इस नंबर पर 8588843415 लिख कर भेजें, हम उसे सुलझाने की कोशिश करेंगे.