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सवाल –

मेरे मम्मीपापा नहीं हैं. मुझे मेरी बूआ ने बड़े लाड़प्यार से पाला. कालेज में साथ पढ़ने वाले फ्रैंड से मेरा अफेयर हुआ और फिर शादी. मैं वर्किंग हूं. मेरे पति इकलौती संतान हैं. खुद के मातापिता न होने के कारण मैं ने शुरू से चाहा था कि अपने सासससुर से बहुत प्यार करूंगी, उन की सेवा करूंगी. लेकिन यहां तो मेरे सासससुर मुझ से दूरदूर रहते हैं. रिश्ते में कोई मिठास नहीं. एक ठंडापन है, पता नहीं क्यों? क्या करूं कि उन का दिल जीत सकूं?

जवाब –

अफसोस की बात है कि आप सासससुर को मानसम्मान देना चाहती हैं जबकि वे आप से दूरी बनाए हुए हैं. क्या आप ने उन से उन के इस व्यवहार का कारण जानने की कोशिश की? क्या वे आप से इसलिए तो नाराज नहीं कि उन के बेटे ने आप से प्रेमविवाह किया? क्या आप दोनों के फैमिली स्टेटस में अंतर है?

वजह कोई भी हो. अब रिश्तों के बीच जमी बर्फ को पिघला कर घर का माहौल खुशनुमा बनाना आप का ही काम है. सब से पहले, इस बात से इन्कार नहीं कर सकते कि रिश्तों को बनने में समय लगता है. सासससुर के साथ समय बिताएंगी तो रिश्तों के बीच की दूरी कुछ समय में घट जाएगी. उन के साथ समय बिताने के लिए आप उन्हें टैक्नोलौजी से रूबरू करा सकती हैं. आप उन्हें मोबाइल चलाना सिखा सकती हैं ताकि वे भी समय के साथ स्मार्ट बन जाएं.

अगर आप उन के साथ समय बिताएंगी तो अपने बौंड को और स्ट्रौंग कर पाएंगी. आप उन के साथ समय बिताने के लिए साथ में टीवी भी देख सकती हैं. औनलाइन गेम्स खेल सकती हैं, बागबानी कर सकती हैं, उन की क्रिएटिविटी को उजागर कर सकती हैं, उन के साथ पार्क जा सकती हैं या आप जिम जाती हैं तो उन्हें भी जिम जौइन करा सकती हैं ताकि वे भी फिट रहें.

फैमिली ट्रिप प्लान करें. वैसे भी फैमिली डे-आउट रिश्तों को करीब लाते हैं और हम अपने प्रियजनों के शौक जान पाते हैं. साथ ही, मन में पड़ चुकी गांठें, नाराजगी दूर कर एकदूसरे को सुनने का बेहतर मौका देती है आउटिंग.

उन की मनपसंद डिश बना सकती हैं. नहीं बना सकतीं तो उन्हें लंच या डिनर पर बाहर ले जाएं या फिर औफिस से आते हुए उन के लिए उन का कुछ मनपसंद खाना ला सकती हैं. आप की इन कोशिशों को देख कर वे खुश हो जाएंगे.

जन्मदिन, शादी की सालगिरह, मदर्सडे व फादर्स डे जैसे खास मौकों पर सरप्राइज गिफ्ट या पार्टी दे कर उन्हें स्पैशल फील करवा सकती हैं. उन्हें उन की पसंद की शौपिंग करवाएं, मूवी दिखलाने ले जाएं. इस सब से उन्हें फील होगा कि आप उन्हें मांपिता का दर्जा देती हैं.

सब से पहले उन्हें अपना दोस्त बनाएं. उन से दोस्ती करें और घर में कोई भी फैसला लेने से पहले एक दोस्त की तरह उन से राय मांगें और उन की अनुमति अवश्य लें. ऐसा करने से उन्हें अच्छा फील होगा.

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