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सवाल -
मेरी बेटी एक मेरठ के एक बड़े प्राइवेट स्कूल की 11वीं क्लास की स्टूडेंट है. उसका स्कूल कोएड है, जहां लड़के और लड़कियां दोनों पढ़ते हैं. उसका स्कूल हमारे घर से थोड़ी दूर है. मैं और मेरी पत्नी दोनों वर्किंग हैं इसी वजह से मुझे उसे मोबाइल फोन लेकर देना पड़ा ताकि उसे कभी कोई परेशानी हो तो वह हमें तुरंत कौल कर सके. पिछले कुछ दिनों से मैं नोटिस कर रहा हूं कि वह अकसर अपने फोन से चिपकी रहती है. मैंने महसूस किया कि वह लड़कों से बातें करती है. मैंने उसे कई बार समझाया कि हमने उसे फोन इमरजेंसी सिचुएशन में इस्तेमाल करने के लिए दिया है. कई बार समझा चुका हूं कि मोबाइल पर बातें करके टाइमपास नहीं करे पर वह नहीं सुनती है. स्कूल में उसकी दोस्ती लड़कियों से ज्यादा लड़कों से है. जब भी उससे किसी लड़के के बारे में पूछो तो वह यही कहती है कि यह लड़का मेरा बेस्ट फ्रेंड है. मुझे डर लगता है कि मेरी बेटी किसी गलत रास्ते पर तो नहीं चल पड़ी है. लड़कियों की फोटोज, वीडियो लीक, अश्लील चैट को लेकर कई तरह की खबरें पढ़ता हूं इसलिए अपनी बेटी को लेकर डरने लगा हूं.
जवाब -
आपका डर अपनी जगह बिल्कुल सही है लेकिन आपको अपनी सोच बदलनी होगी. लड़कों से दोस्ती करना और बातें करना कोई गलत बात नहीं है. आजकल की जैनरेशन को अच्छे से पता होता है कि उन्हें किससे बातें करनी चाहिए और किससे नहीं. आपको अपनी बेटी पर विश्वास करना चाहिए. उससे बातें करें. धीरेधीरे यह जानने की कोशिश करें कि फोन पर उसकी क्या बातें होती हैं. वह जिन लड़कों से बातें करती हैं उनका बैकग्राउंड क्या है. अगर मन में कोई संदेह हो, तो उसकी क्लास टीचर या पीटीएम में टीचर से इन लड़कों के बारे में बात करके मन को तसल्ली कर लें. अगर संभव हो तो बेटी को ही कहें कि वह पीटीएम के दिन उन लड़कों से आपको मिलाएं, जिससे फोन पर बातें होती है.