सवाल

मैं और मेरे पति कालेज में साथ थे. पहले दोस्ती हुई, धीरेधीरे दोस्ती प्यार में बदल गई और फिर हम ने शादी कर ली. शादी के दोतीन साल तक सब अच्छा रहा. इस बीच मैं एक बेटी की मां बन गई. बेटी अब 7 साल की हो गई है. पति ने शादी के बाद मुझे सब ऐशोआराम दिए हैं. प्यार भी करते हैं लेकिन उन के प्यार में अब वह बात नहीं रही जो पहले थी. ऐसा लगता है जैसे घर की, मेरी और बेटी की जरूरतों को पूरा करना ही उन की प्रायोरिटी हो गई है. उन के प्यार का वह पैशन, वह गरमजोशी जैसे कहीं खो गई है. मैं उन के उस प्यार के लिए तरस गई हूं. मैं ने उन से इस बारे में बात भी की तो हंसी में उड़ाते हुए वे कहने लगे कि तुम कुछ ज्यादा ही सोचती हो घर में बैठे हुए. मैं तो वैसा ही हूं जैसे पहले था. मैं बहुत उदास रहने लगी हूं. अपने अंदर एक खालीपन सा महसूस करती हूं. मैं खुश रहना चाहती हूं लेकिन रह नहीं पाती. समझ नहीं आ रहा मुझे क्या होता जा रहा है. आप ही मुझे इस अवस्था से बाहर निकालिए.

जवाब
सब से पहले तो आप एक बात अपने दिमाग में क्लीयर कर लें कि अब आप शादीशुदा हैं, लवबर्ड्स नहीं. कालेज के प्यार में और शादी के बाद के प्यार में फर्क होता है. कालेज के दिनों के प्यार में लवर्स को सिर्फ प्यार ही प्यार नजर आता है. दुनिया से उन्हें कोई लेनादेना नहीं होता. दुनिया सतरंगी दिखती है और प्रेमीप्रेमिका एकदूसरे को रि?ाने में लगे होते हैं. उस वक्त के प्यार में एक अलग ही पैशन होता है. शादी होने के बाद स्थिति बदल जाती है.

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