Depression : उस की उम्र 29 साल है. पहले सब ठीक था लेकिन कालेज खत्म होने के साथ वह मोटी होती गई. जंक फूड ज्यादा खाना शुरू कर दिया. कुछ नहीं करती है. एंग्जाइटी की प्रौब्लम शुरू हो गई है. पढ़ीलिखी है. इंगलिश में एमए किया है. इंगलिश बहुत अच्छी लिखती व बोलती है. लेकिन कोई नौकरी करने को तैयार नहीं.

हम ने उस से बिजनैस स्टार्ट करने को कहा, जिस में उस का शौक है जैसे ब्यूटी प्रोडक्ट, नेल आर्ट. लेकिन कुछ नहीं करना चाहती. घर में पड़ी रहती है. अपनी बेसिरपैर की बातों से मुझे परेशान करती है. बहुत परेशान हूं, क्या करूं?

जवाब : आप का दुख और चिंता बिलकुल जायज है. एक मां के लिए यह बहुत तकलीफदेह होता है जब वह अपनी पढ़ीलिखी, समझदार बेटी को इस तरह उदास, डरी हुई और जीवन से अलगथलग देखती है. आप ने जो बताया, उस से लगता है कि आप की बेटी को डिप्रैशन (अवसाद) और एंग्जाइटी (चिंता की बीमारी) की समस्या हो सकती है. यह कोई ‘मूड खराब’ होने वाली बात नहीं है. यह एक मानसिक बीमारी है, जिस का इलाज संभव है.

बेटी से प्यार और धैर्य से बात करें. उस से गुस्से या ताने में बात न करें. एक शांत जगह पर बैठ कर धीरे से कहें, ‘मैं देख रही हूं कि तू कुछ समय से परेशान है. मैं तेरी मदद करना चाहती हूं. चलो, एक बार किसी अच्छे डाक्टर से मिलते हैं जो हमें ठीक से समझ सकेगा कि क्या हो रहा है.’

एक अच्छे मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ से उसे मिलवाएं. मानसिक समस्याओं के लिए इलाज होता है. काउंसलिंग (परामर्श) और जरूरत हो तो दवा से वह धीरेधीरे बेहतर महसूस कर सकती है.

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