मजदूरों को जब शहरों में काम नही मिला तो भूख से मरने से बचने के लिए वह अपने गांव घर पहुचने के लिए चल पड़े जिससे उनका जीवन सुरक्षित रह सके. उनको यह नही पता था कि रास्ते मे मौत उनका इंतजार कर रही है. जो उनको लीलने के लिए तैयार खड़ी है.

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने आदेश में कहा था कि कोई भी प्रवासी मजदूर सड़क मार्ग पर साइकिल, मोटरसाइकिल और ट्रक या ऐसे किसी वाहन से यात्रा ना करे. मुख्यमंत्री ने पुलिस और प्रशासन यानि कि डीएम और एसपी को यह सुनिश्चित करने को कहा था कि इस तरह लोग सफर ना करे. पुलिस इनको रोके और इनकी देख भाल के के सरकारी बसों से इनको इन सभी के घर भेजे.

हादसों पर हादसे

मुख्यमंत्री के आदेशों का किस तरह से पालन हो रहा यह औरैया जिले में देखने को मिला. उत्तर प्रदेश के औरैया जिले में 15/16 मई की रात में बड़ा सड़क हादसा हो गया. हरियाणा के फरीदाबाद से 81  मजदूरों को लेकर आ रहे  ट्राला में  डीसीएम ने टक्कर मार दी. जिंसमे 18 की मौत 25 से अधिक घायल हो गए. घायलों को जिला अस्पताल भर्ती किया गया. गंभीर घायलों को कानपुर के हैलट होस्पिटल रेफर किया गया. यह हादसा कोतवाली औरैया के चिहुली  इलाके में हाइवे पर हुआ.  यह मजदूर फरीदाबाद से गोरखपुर जा रहे थे. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखपुर के ही रहने वाले है.

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असल मे मजदूरों के दुःखों की शुरुआत का अंत होता नहीं दिख रहा है. 22 मार्च से 16 मई के बीच 56 दिन बीत गए है. तमाम सारी योजनाओं और घोषणाओं के बाद भी मजदूरों की हालत जस की तस है.  उनका सड़क मार्ग से घर वापसी का सिलसिला जारी है. इससे पता चलता है कि सरकार की योजनाएं पूरी तरह से खोखली है.

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