सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को निर्देश दिया कि दागी नेताओं के खिलाफ लंबित आपराधिक मामलों की सुनवाई मार्च से शुरू हो जाए. कोर्ट ने कहा कि इसके लिए लिए गठित होने वाली 12 विशेष अदालतों को अगले 1 मार्च 2018 से काम शुरू कर देना चाहिए.
सर्वोच्च अदालत ने केंद्र से कहा कि इन विशेष अदालतों के गठन के लिए संबंधित राज्यों को तत्काल 7.80 करोड़ रुपये में से आनुपातिक आधार पर धन आवंटित किया जाए. चुनाव विश्लेषक एनजीओ के अनुसार सांसदों और विधायकों पर 13,680 आपराधिक मुकदमे लंबित हैं.
अदालत ने कहा, केंद्र से धन मिलने के तुरंत बाद संबंधित राज्य सरकारों को उच्च न्यायालयों से परामर्श कर विशेष अदालतें गठित करनी चाहिए. जस्टिस रंजन गोगोई और नवीन सिन्हा की पीठ ने केंद्र को सांसदों और विधायकों की संलिप्तता वाले लंबित आपराधिक मामलों का विवरण जुटाने के लिए दो महीने का समय दिया. पीठ ने इस मामले में केंद्र के अतिरिक्त हलफनामे का अवलोकन किया, जिसमें सरकार ने नेताओं की संलिप्तता वाले मामलों के लिए इस समय 12 विशेष अदालतें गठित करने का प्रस्ताव किया है.
पीठ ने कहा, इस तरह का आवंटन होने और संबंधित राज्य सरकारों को सूचित किए जाने के तुरंत बाद, राज्य सरकारें उच्च न्यायालयों से परामर्श कर त्वरित अदालतें गठित करेंगी. वे यह सुनिश्चित करेंगी कि ये अदालतें 1 मार्च 2018 से काम करना शुरू कर दें.