2024 के लोकसभा चुनाव परिणामों के बाद उत्तर प्रदेश में विधानसभा का सत्र 29 जुलाई को सुबह 11 बजे शुरू हुआ. विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने सबसेे पहले कहा कि मुख्यमंत्री अपने 4 मंत्रिमंडल के सहयोगियों का परिचय सदन में कराना चाहते है. इसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्रिमंडल में शामिल मंत्रियों ओमप्रकाश राजभर, अनिल कुमार, दारा सिंह चैहान और सुनील शर्मा का परिचय सदन से कराया. इनको लोकसभा चुनाव से पहले मंत्री बनाया गया था. मंत्री के रूप इस सरकार में यह इनका पहला सत्र था.

इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने नेता प्रतिपक्ष बने माता प्रसाद पाण्डेय का स्वागत किया. वह पहली बार समाजवादी पार्टी की तरफ से नेता प्रतिपक्ष बने है. इसके पहले अखिलेश यादव नेता प्रतिपक्ष थे. लोकसभा चुनाव में वह कन्नौज के सांसद बने तो उन्होने करहल विधानसभा सीट छोडी और नेता प्रतिपक्ष का पद भी छोड दिया. माता प्रसाद पाण्डेय को समाजवादी पार्टी ने नेता प्रतिपक्ष बनाया.

नेता प्रतिपक्ष के परिचय के बाद बिजली कटौती, भ्रष्टाचार, कानून व्यवस्था, किसानों के मुददे पर समाजवादी पार्टी के विधायकों ने हंगामा करना शुरू कर दिया. लोकसभा की ही तरह से विधानसभा में हंगामा शुरू हो गया. विधायक वेल में आ गये. विधानसभा अध्यक्ष के बार बार कहने के बाद भी यह जारी रहा. ऐसा लग रहा था कि अखिलेश यादव नेता प्रतिपक्ष नहीं है तो विपक्षी विधायक कमजोर पड जायेगे. लेकिन सदन में आज का विरोध देखकर यह नहीं लगा कि अखिलेश यादव के सदन में न होने से कोई फर्क पडा है.

विपक्ष के दबाव में दिखी सरकार:

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