Rajya Sabha Election 2024: दलबदल और क्रौस वोटिंग भी उसी तरह से दूषित आचारविचार है जैसे महाभारत में शकुनि और समुद्र मथंन में देवताओं ने किया था. इस के लिए बेईमानी सिखाने वाला जिम्मेदार होता है. दलबदल करने के लिए प्रेरित करने वाला दलबदल करने वालों से अधिक दोषी होता है, क्योकि वह निंदनीय और दूषित आचारविचार के लिए उकसाने का काम करता है. जब भगवा चोले वाले दक्षिणापंथी इस काम को करते हैं तो वे भेड़ के वेष में भेड़िए लगते हैं. राज्यसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश से ले कर हिमांचल प्रदेश तक जो हुआ वह दलबदल की परिभाषा में भले ही पूरी तरह से फिट न हो पर यह भ्रष्ट आचरण का उदाहरण है.

भारतीय राजनीति में दलबदल बदल करने वालों को ‘आया राम गया राम’ के नाम से भी जाना जाता है. पहले यह कहावत ‘आया लाल गया लाल’ के नाम से मशहूर थी. बदलतेबदलते यह ‘आया राम गया राम’ में बदल गई. इस का अर्थ राजनीतिक दलों में आने और जाने से होता है. मजेदार बात यह है कि ‘गया लाल’ नाम का एक विधायक था जिस के नाम पर यह कहावत पड़ी. 55 सालों के बाद आज भी यह कहावत पूरी तरह से यथार्थ को दिखाती है.

बात 1967 की है. उस समय हरियाणा के हसनपुर निर्वाचन क्षेत्र, जिसे अब होडल के नाम से जाना जाता है, विधानसभा के सदस्य गया लाल ने एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुनाव जीता. इस के बाद वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल हो गए. इस के बाद उन्होंने एक पखवाड़े में 3 बार पार्टियां बदलीं. पहले राजनीतिक रूप से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से संयुक्त मोरचे में दलबदल कर के, फिर वहां से वापस कांग्रेस में शामिल हो गए और फिर 9 घंटे के भीतर संयुक्त मोरचे में शामिल हो गए.

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