भारतीय जनता पार्टी ने आगामी लोकसभा चुनावों में दलितों के वोट हथियाने के लिए तरहतरह के हथकंडे अपनाने शुरू कर दिए हैं. भाजपा ने दिल्ली के रामलीला मैदान में भीम महासंगम विजय संकल्प और समरसता खिचड़ी बनाने का आयोजन किया गया.

पार्टी का दावा है कि देश में समरसता का संदेश देने के लिए 3 लाख घरों से एकएक मुट्ठी चावल और दाल इकट्ठा किया गया. कुल 5100 किलो वजन की खिचड़ी बनाई गई और दलितों को बांटी गई. आयोजन में भाजपा के कई बड़े नेता शामिल हुए. इन में पार्टी के दलित नेताओं में राष्ट्रीय संगठन महासचिव रामलाल, केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दुष्यंत कुमार गौतम के अलावा दूसरे केंद्रीय मंत्री विजय गोयल, महासचिन अरुण सिंह, सांसद डा. हर्षवर्द्घन, मीनाक्षी लेखी, प्रवेश वर्मा, मनोज तिवारी शामिल थे.

रैली में लाखों दलितों के आने का दावा किया गया था पर 5-6 हजार दलित ही मौजूद आए.

दलितों के प्रति नीतियों को ले कर पार्टी के अंदर एकराय नहीं है. पार्टी के दलित सांसद अंदर ही अंदर छटपटा रहे हैं. उत्तरप्रदेश के बहराइच से पार्टी सांसद सावित्री बाई फुले इस्तीफा दे चुकी हैं. सरकार के सहयोगी रामविलास पासवान और रामदास अठावले भाजपा और सरकार के प्रति समयसमय पर नाराजगी जाहिर कर रहे हैं.

दिल्ली के एकमात्र दलित सांसद उदित राज भी पार्टी की रीतिनीतियों से खुश नहीं हैं. उन्होंने अपनी ही पार्टी द्वारा दलितों के लिए इस आयोजन को ले कर कोई खास रूचि नहीं दिखाई. वह आयोजन के मौके पर आए ही नहीं. हालांकि कार्यक्रम खत्म होने के बाद वह रामलीला मैदान में आए और साफ कहा कि इस तरह के आयोजनों से पार्टी को कोई फायदा नहीं होगा.

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