चुनावी बिसात बिछने से पहले सियासी बिसात. 3 नवंबर को होने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति पद के चुनावों के लिए एक साल पहले से की जा रही तिकड़मबाजी की पोल खुल गई है. देश के सरबराह डोनाल्ड ट्रंप अगले कार्यकाल को पाने के लिए मौजूदा कार्यकाल के आखिरी दिनों में तरहतरह की राजनीतिक गोटियां चल रहे हैं, लेकिन समय साथ नहीं दे रहा क्योंकि उन की तकरीबन सभी गोटियां उलटी पड़ती दिख रही हैं.

दुनियावालों के लिए दिलचस्प यह है कि अमेरिकी चुनावी राजनीति में इस बार बुक्स (पुस्तकें) भूमिका निभाने जा रही हैं. अमेरिका में 2 किताबें, जिन्हें रिलीज़ किया जाना है, को ले कर ज़ोरदार हंगामा खड़ा हो गया है. जबकि, एक तीसरा सब्जैक्ट तैयार है जो अगली किताब का विषय बन सकता है.

ये भी पढ़ें-उत्तर प्रदेश कामगार और श्रमिक आयोग साबित होगा एक और सफेद हाथी

पहली किताब : अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जौन बोल्टन की किताब ने छपने से पहले ही दुनियाभर में तहलका मचा दिया है. दरअसल, बोल्टन ने अपनी किताब में ट्रंप और चीन के संबंधों को ले कर चौंका देने वाला खुलासा किया है. उन्होंने कहा है कि ट्रंप ने साल 2020 में होने वाले राष्ट्रपति चुनावों में जीत के लिए चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से वर्ष 2019 में मदद मांगी थी. यह किताब साइमन ऐंड शस्टर पब्लिकेशन कंपनी से प्रकाशित होनी है.

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इस किताब को छपने से रोकने के लिए हर हरबे का इस्तेमाल कर रहे हैं. हो सकता है कि अमेरिका की अदालत राज़दारी के क़ानून के हनन की वजह से इस किताब के प्रकाशन पर रोक लगा दे.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD79
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...