बिहार की राजधानी पटना से 120 किलोमीटर दूर बसा है बेगुसराय शहर. वहां से तकरीबन 14 किलोमीटर दूर तेघड़ा विधानसभा क्षेत्र में एक ब्लौक है बीहट. वामपंथियों का पुराना गढ़ होने की वजह से बेगुसराय को ‘बिहार का लेनिनग्राद’ कहा जाता है, जबकि बीहट को ‘मिनी मास्को’ के नाम से पुकारा जाता है. दिल्ली की जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी में छात्र संघ का अध्यक्ष कन्हैया झा बिहार के बेगुसराय जिले के बरौनी थाने के बीहट ब्लौक के मसलनपुर टोला गांव का रहने वाला है.

अपने गांव से पटना के रास्ते दिल्ली तक का सफर तय करने में कन्हैया ने काफी पापड़ बेले हैं. पढ़ाई के साथसाथ वह थिएटर करता रहा और साल 2002 में उस ने वाम छात्र संगठन आल इंडिया स्टूडैंट फैडरेशन जौइन किया था. पिछले दिनों देश विरोधी भाषणबाजी के आरोप में कन्हैया झा की गिरफ्तारी के बाद दिल्ली में पैदा हुई सियासी आग की गरमाहट बिहार तक पहुंच गई है. हर पार्टी अपनेअपने फायदे के हिसाब से इस मामले को भुनाने में लगी हुई है. इस से कन्हैया झा की भी सियासत चमक उठी हैं. पिछले दिनों कन्हैया झा ने पटना आर्ट कालेज के छात्रों के आंदोलन में कूद कर बिहार की राजनीति में भी अपने पैर जमाने की कवायद शुरू कर दी. बिहार में कन्हैया झा की हैसियत का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि बेगुसराय के बीएसएस कोलेजिएट स्कूल कैंपस में उस के कार्यक्रम की सिक्योरिटी में उपविकास आयुक्त और अपर पुलिस अधीक्षक की अगुआई में बिहार पुलिस के 5 सौ जवानों की तैनाती की गई थी. कन्हैया झा के पिता का नाम जयशंकर सिंह है और वे लकवे से पीडि़त हैं. परिवार के खर्च का बोझ कन्हैया झा और उस के भाइयों के कंधों पर है.

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