प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मन की बात में स्टार्टअप उद्यमियों से ‘खिलौनों के लिए तैयारी’ का आह्वान किया है और कहा है कि स्थानीय खिलौनों के लिए आवाज बुलंद करने का वक्त आ गया है. उन्होंने युवा उद्यमियों से भारत में और भारत के बारे में कम्प्यूटर गेम्स बनाने का आहृवान किया और कहा ‘आईये खेलों की शुरुआत की जाये.’

प्रधानमंत्री ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत अभियान में वर्चुअल गेम्स हों, टॉयज का सेक्टर हो, सब ने, बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है और ये अवसर भी है. जब आज से सौ बरस पहले, असहयोग आंदोलन शुरू हुआ, तो गांधी जी ने लिखा था कि - 'असहयोग आन्दोलन, देशवासियों में आत्मसम्मान और अपनी शक्ति का बोध कराने का एक प्रयास है.' आज, जब हम देश को आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास कर रहे हैं, तो, हमें, पूरे आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ना है, हर क्षेत्र में देश को आत्मनिर्भर बनाना है. असहयोग आंदोलन के रूप में जो बीज बोया गया था, उसे, अब, आत्मनिर्भर भारत के वटवृक्ष में परिवर्तित करना हम सब का दायित्व है.

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प्रधानमंत्री के इस आह्वान पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने तंज कसा है. राहुल गांधी ने कहा कि JEE-NEET परीक्षार्थियों की समस्या का जिक्र करते हुए कहा  "मन की नहीं बल्कि स्टूडेंट्स की बात की जाए." राहुल ने प्रधानमंत्री के आह्वान पर भी निशाना साधा, जिस में उन्होंने खिलौना व्यापारियों, उद्यमियों से आगे आने की अपील की. वायनाड सांसद ने कहा कि "जेईई-एनईईटी के परीक्षार्थी चाहते थे कि पीएम परीक्षा पर चर्चा करें, लेकिन पीएम ने खिलौनों पर चर्चा की."

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