मंदिर के सहारे मत बटोरने की टैक्टिस काम नहीं आई

22 फरवरी के दिन स्‍मृति ईरानी ने अमेठी के अपने घर का गृहप्रवेश कराया. माथे पर कलश लेकर पारसी पति जुबिन ईरानी के साथ अपने नए घर में कदम रखा. उज्‍जैन से आए पंडितों ने पूरे विधिविधान के साथ हवनपूजन कराया. उन दिनों स्‍मृति ईरानी को शायद यह महूसस हुआ हो कि अमेठी की जनता के दिल में उतरने के लिए यह सबसे बेहतर तरीका है लेकिन चुनाव के नतीजों ने उनकी सोशल इंजीनियरिंग की पोल खोल दी. स्‍मृति ईरानी बुरी तरह हार गईं. दूसरे बीजेपी नेताओं और मंत्रियों की तरह स्‍मृति को यह लगा था कि राम म‍ंदिर की सीढ़ियों से चुनाव जीतने का दोतिहाई रास्‍ता तो तय हो गया है, बाकी एकतिहाई का काम अमेठी में उनका गृहप्रवेश कर देगा लेकिन वह कांग्रेस के किशोरी लाल शर्मा से 1,67, 196 वोटों से चुनाव हार गई. ठीक 5 साल पहले अमेठी की इसी सीट पर स्‍मृति ईरानी ने राहुल को हराया था. तब 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी की फायरब्रांड नेता मानी जा रही स्‍मृति ईरानी को 4,68,514  और राहुल गांधी को 4,13,394 वोट मिले. उनके बाद उनका जोश काफी हाई हो गया था, जो उनकी अकड़ के रूप में नजर आने लगा था. 

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मैनेजर ने लिया मालिक का बदला

स्‍मृति को हराने के बाद जब  किशोरी लाल शर्मा से उनकी जीत का राज पूछा गया, तो उन्‍होंने कहा कि अमेठी में विनम्रता चलेगी,अहंकार नहीं. इसमें कोई शक नहीं कि उनका इशारा अपनी प्रतिद्वन्‍द्वी बीजेपी की महिला प्रत्‍याशी स्मृति ईरानी की तरफ था. हालांकि किशोरी लाल शर्मा से चारों खाने चित होने के बाद भी  स्‍मृति की अकड़ कम होने का नाम नहीं ले रही, नतीजे आने के बाद हुए प्रेस कौन्फ्रेंस के दौरान स्‍मृति ने कहा कि “उनका जोश अभी भी हाई है”, स्‍मृति का यही एटीट्यूड उनको ले डूबा. साल 2023 में अमेठी लोकसभा क्षेत्र में वह एक पत्रकार के ऊपर जबरदस्‍त भड़क गई थीं, पत्रकार विपिन यादव का कसूर यह था कि उसने केंद्रीय मंत्री से एक बाइट मांगी थी, इस पर स्‍मृति ने कहा था, “अगर आप मेरे क्षेत्र का अपनाम करेंगे, तो मैं आपके मालिक से फोन करके कहूंगी”  इसके बाद उस पत्रकार की नौकरी चली गई थी.

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